फंड का 'फंडा' हमारा नहीं

रविवार, 24 अक्टूबर 2010 (10:32 IST)
आशीष दुब
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आखिरी दिन कई फंडों को स्पष्ट करने का भी रहा। यहाँ 1 लाख 15 हजार करोड़ के 85 एमओयू और किए गए। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने दो बातें निवेशकों के समक्ष साफ कर दीं।

पहली-एमओयू को महज कागज का टुकड़ा नहीं समझें। आप गंभीर नहीं हैं तो हम भी इस टुकड़े का बोझ नहीं उठाएँगे। दूसरी-निवेश की सुविधाओं के बदले निवेशकों को कुछ और नहीं करना पड़ेगा क्योंकि यहाँ सरकार द्वारा फंड लेने का फंडा भी नहीं है।

इंवेस्टर्स समिट के दूसरे व अंतिम दिन एमओयू करने वालों की भारी तादाद थी, लेकिन खुद मुख्यमंत्री समेत अफसर भी इन उत्साही निवेशकों को समझाते रहे कि आप लोग इत्मीनान से विचार करें और फिर बताएँ। इनमें 50 हजार करोड़ रुपए के एक थर्मल पॉवर प्लांट का एमओयू रोक लिया गया।

दो दिन की इस समिट में मप्र में 107 एमओयू के जरिए 2 लाख 35 हजार 966 करोड़ अगले कुछ वर्ष में मप्र में निवेश करने का करार हुआ है।

उद्योग नीति में संशोधन : अगले सात दिन में उद्योग नीति में कुछ और संशोधन भी होंगे। एमओयू की हर महीने अफसर व मंत्री समीक्षा करेंगे। प्रत्येक तीसरे महीने खुद मुख्यमंत्री भी समीक्षा करेंगे। सीएम ने ऐलान किया कि अगली इंवेस्टर्स समिट 27-28 अक्टूबर 2012 में होगी और इसमें सारे लेखे-जोखे रखे जाएँगे।

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