संगठन ने एक नोट में कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वर्ष 2018 में राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में चुनाव होने हैं। निश्चित रूप से केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अपनी नीतियों में मतदाताओं की भावनाओं का ध्यान रखेंगी।
एसोचैम के नोट में कहा गया है कि व्यापारियों के लिए जीएसटी सहज नहीं रहा है। राजनीतिक दलों के लिए व्यापारी एक बड़ा दबाव समूह है तथा गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान जीएसटी का मुद्दा फोकस बना रहा। इसके अलावा बजटीय प्रस्तावों से लघु तथा मध्यम उद्यमों के लिए बेहतरी की शुरुआत होगी। कम समय में रोजगार सृजन में उनकी भूमिका को महत्व दिया जा रहा है। अगले लोकसभा चुनाव से पहले रोजगार सृजन सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। (वार्ता)