अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती से बैंक, इंश्योरेंस, ऑटो सहित लॉजिस्टिक और इंफ्रास्टक्चर जैसे सेक्टर में नई नौकरियों के अवसर कम होने लगे हैं। केयर रेटिंग्स लिमिटेड की सालाना रिपोर्ट के अनुसार 2019 में इन सेक्टर्स में नई नौकरियों के अवसर कम हुए हैं। वहीं सभी सेक्टर्स की ग्रोथ पहले के मुकाबले 1.9% कम रही।
मंदी की मार से जूझ रहे नॉन बैंकिंग फाइनेंस, वाहन, बिस्किट से लेकर टैक्सटाइल उद्योग में छंटनी का अंदेशा बढ़ता जा रहा है तो वहीं हाल ही में आई एक और चिंताजनक रिपोर्ट से लोगों का दम फूलने लगा है। मंदी की मार अब कई ऐसे सेक्टर्स पर भी पड़ने वाली है, जो सीधे करोड़ों नौकरियां देने वाले सेक्टर्स माने जाते हैं।
RBI द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार उद्योगों को दिए जाने वाले कर्ज में गिरावट हुई है। पेट्रोलियम, खनन, टेक्सटाइल, फर्टिलाइजर व संचार जैसे सेक्टर्स में उद्योगों ने कर्ज लेना कम कर दिया है। इसका सीधा असर बैंकों द्वारा दिए जा रहे लोन पर पड़ने की संभावना है।
मारुति सुजुकी, बजाज, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, यूनाइटेड इंडिया इंशोरेस, नेशनल इंश्योरेंस जैसी दिग्गज कंपनियां मंदी की चपेट में दिखाई दे रही है। अकेले ऑटो सेक्टर में पिछले 4 माह में 3.5 लाख लोग बेरोजगार हो गए और 10 लाख लोगों के नौकरियों पर संकट के बादल दिखाई दे रहे हैं।