आर्थिक समीक्षा के अनुसार, जिंसों की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई से नीचे आ गई हैं। हालांकि, ये अब भी रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले के स्तर से ऊंची हैं। इसमें कहा गया है कि उच्च जिंस कीमतों के बीच मजबूत घरेलू मांग भारत के कुल आयात बिल को बढ़ाएगी। इससे देश का चालू खाते का शेष प्रभावित होगा।