सर्वेक्षण में 75% से अधिक लोगों ने कहा कि बिजली, इस्पात और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में बड़े कंपनी समूहों को दिए गए कर्ज से भारत में बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता के लिये बड़ा जोखिम पैदा हुआ है। मूडीज और उससे संबद्ध इकरा के सर्वेक्षण में 200 से अधिक बाजार भागीदारों ने भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि संभावना को लेकर विश्वास व्यक्त किया है।
मूडीज ने एक बयान में कहा, 'भारत की जीडीपी वृद्धि दर अगले 12 से 18 महीने के दौरान 6.5 से 7.5% के दायरे में रहेगी। 60 फीसदी से अधिक की ऐसी राय थी।' यह दृष्टिकोण नोटबंदी के लघुकालिक नकारात्मक प्रभाव के बाद अर्थव्यवस्था के उबरने के संकेत के अनुरूप ही है।
मूडीज को विश्वास है कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार अगले 3-4 साल में बढ़कर 8% के आसपास पहुंच जाएगी। मूडीज के सहायक प्रबंध निदशेक मैरी डिरोन ने कहा, ‘‘भारत में चल रहे आर्थिक और संस्थागत सुधारों और आने वाले समय में होने वाले बदलावों को देखते हुए नोटबंदी से पैदा हुई अल्पकालिक अड़चन के बावजूद भारत अगले 12 से 18 माह के दौरान भारत उसके जैसे दूसरे देशों के मुकाबले अधिक तेजी से वृद्धि करेगा।