राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने एक साक्षात्कार में इसकी जानकारी दी। जीएसटी परिषद द्वारा निर्यात मामलों के लिए जीएसटी से पहले की कर प्रणाली में ही लौटने के निर्णय के कारण ये कदम उठाए गए हैं। जुलाई-अगस्त के दौरान एकीकृत जीएसटी के तहत 67 हजार करोड़ रुपए जमा होने का अनुमान है। इनमें से महज 5-10 हजार करोड़ रुपए निर्यातकों का रिफंड लंबित है।
अधिया ने कहा कि 6 महीने की अवधि के लिए हम जीएसटी पूर्व व्यवस्था में लौट रहे हैं। पुरानी व्यवस्था के तहत विनिर्माण निर्यातकों और निर्यात के लिए विनिर्माण करने वालों को कोई कर भुगतान नहीं करना होता था। अत: अब शिकायत का कोई कारण नहीं है। तैयार वस्तुओं का निर्यात करने वालों को मामूली 0.10 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा, क्योंकि वे खुद विनिर्माण नहीं करते हैं।