उसने कहा कि कंपनियों के परिचालन प्रदर्शन और वित्तपोषण की क्षमता वित्तीय बाजार के झटके की चपेट में हैं, खासकर यदि संक्रमण की एक दूसरी लहर के कारण नए सिरे से लॉकडाउन लगाए जाते हैं। मूडीज समूह की क्रेडिट ऑफिसर एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्लारा लाउ ने कहा कि हमारा अनुमान है कि इस मंदी से उबरने में लंबा समय लगेगा।
हालांकि लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील से साल की दूसरी छमाही में क्रमिक वापसी को समर्थन मिलना चाहिए। इस बीच मूडीज ने 3 सरकारी बीमा कंपनियों में सरकार के द्वारा 12,450 करोड़ रुपए की पूंजी डाले जाने को क्रेडिट पॉजिटिव बताया। (भाषा)