नई दिल्ली। नीति आयोग ने आर्थिक सुधारों पर बल देते हुए कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के साढ़े सात प्रतिशत की दर से आर्थिक विकास करने की संभावना है, जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह आठ प्रतिशत का आंकड़ा हासिल कर लेगी।
पनगढ़िया ने कहा कि मौजूदा सरकार के आर्थिक सुधारों में वस्तु एवं सेवा कर और दिवालिया एवं शोधन अधिनियम सबसे महत्वपूर्ण सुधार हैं। उन्होंने नोटबंदी को भी कड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) बड़ी समस्या है और सरकार इससे निपटने के प्रयास कर रही है। अगले छह महीनों में इसका असर दिखने लगेगा। (वार्ता)