-पिछले कुछ माह के दौरान भारत से 13.3 अरब डॉलर की पूंजी निकाली गई।
-अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाते मंदी का जोखिम जताया है।
-मौद्रिक नीति समिति ने स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर 4.65 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.15 प्रतिशत की।
-मौद्रिक नीति समिति ने मुद्रास्फीति पर काबू के लिए नरम नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देने का फैसला किया।
-बैंकों की ऋण की वृद्धि बढ़कर 14 प्रतिशत हुई। एक साल पहले यह 5.5 प्रतिशत थी।
-रिजर्व बैंक ने सामान्य मानसून और कच्चे तेल का दाम 105 डॉलर प्रति बैरल पर रहने की संभावना के आधार पर वित्त वर्ष 2022-23 के लिए के मुद्रास्फीति अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा।