गेहूँ, चने और चीनी में नरमी

रविवार, 4 नवंबर 2007 (16:00 IST)
स्थानीय मंडियों में गत सप्ताह सामान्य कारोबार के बीच नई फसल की आवक बढ़ने से मूँगफली तेल में 500 रुपए प्रति क्विंटल की जोरदार गिरावट रही। गेहूँ, चने और चीनी में भी नरमी का रुझान रहा।

स्थानीय मंडियों में त्योहारी माँग तेज होने से खाद्य तेलों में माँग अच्छी बताई गई है। कारोबारियों का कहना है कि कच्चे तेल के दाम विदेशी बाजारों में 96 डॉलर के पार चले जाने से पाम और सोया के भाव ऊपर चले गए हैं। इन दोनों का इस्तेमाल बायोडीजल बनाने में होने लगा है।

राजस्थान सरकार की तरफ से जारी आँकड़ों में इस वर्ष सरसों की पैदावार पिछले साल के 31 लाख टन की तुलना में घटकर 27 लाख टन होने का अनुमान है।

सरकार का कहना है कि भूमि में नमी कम होने से सरसों की बुवाई कम हो रही है। पिछले साल इस दौरान 20 लाख हैक्टेयर भूमि में सरसों की बुवाई हुई थी, जबकि इस वर्ष यह क्षेत्रफल 15 लाख हैक्टेयर ही बताया गया है।

उधर बाजार सूत्रों का कहना है कि अन्य अनाजों की तुलना में सरसों की बुवाई अब फायदे का सौदा नहीं है। सरकार ने गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1000 रुपए प्रति क्विंटल किया है, जिसे देखते हुए इसकी बुवाई का क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना है।

स्थानीय मंडियों में सप्ताह के दौरान बिनौला तेल में 4900 रुपए पर 50 रुपए की मजबूती रही। तिल तेल के भाव भी 5400 रुपए पर 200 रुपए ऊँचे हो गए हैं।

पाम और सोया तेल के भाव अच्छी माँग से क्रमशः 5200 एवं 5100 रुपए प्रति क्विंटल पर 100 रुपए तेज हो गए।

आवक बढ़ने से मूँगफली तेल के दाम 6500 रुपए पर 500 रुपए लुढ़क गए। सरसों एक्सपैलर और चावल छिलका तेल के भाव टिके रहे। अखाद्य तेलों में भी मजबूती बनी हुई है।

अनाज-कृषि मंत्रालय के मुताबिक चालू रबी मौसम में गेहूँ की बुवाई पिछले साल के एक लाख 17 हजार हैक्टेयर की तुलना में इस वर्ष अब तक एक लाख 84 हजार हैक्टेयर पर हुई है।

नए खरीद सत्र में धान की खरीद में तेजी आई है। केवल पंजाब की मंडियों में शनिवार तक सरकारी और निजी मिल मालिकों ने कुल 01 करोड़ 19 लाख 01 हजार 63 टन धान की खरीद की।

आवक अच्छी रहने से मैदे के भावों में 1170-1180 रुपए पर 20 रुपए की नरमी रही। सूजी में भी 1250-1260 रुपए पर इतनी ही गिरावट रही। आटा 1020-1030 रुपए पर 10 रुपए ढ़ीला रहा।

सप्ताह के दौरान चने की औसत आवक 35-35 मोटर की थी। राजस्थान से चने की आवक अच्छी बनी हुई है। बेसन मिलों की ओर माँग ठंडी रहने से चने के भाव 2350-2375 रुपए प्रति क्विंटल पर 25 रुपए फिसल गए।

माँग अच्छी रहने से उड़द के भावों में 1900-2450 रुपए पर 100 रुपए प्रति क्विंटल तक की मजबूती रही। अरहर 2400-2650 रुपए पर 100 रुपए प्रति क्विंटल ऊँची हो गई। दालों में भी मजबूती का रुझान बना हुआ है।

उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार ने इस मौसम के लिए गन्ने का राज्य सलाह मूल्य पिछले सत्र के 130 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रखा है।

मिलों का कहना है कि इस मूल्य पर गन्ने की खरीद पर एक किलों चीनी की लागत 12 रुपए प्रति क्विंटल तक आएगी, जबकि मंडियों में भी इस समय भाव इसी के आसपास हैं।

मिलों ने किसानों का पिछले सत्र का दाम ही अभी नहीं चुकाया है। मिलों का कहना है कि धन की तंगी की वजह से वह गन्ने का इतना दाम चुकाने में असमर्थ हैं। ऐसे में यूपी की मिलें अभी पेराई शुरू नहीं कर सकी हैं। मिलों के गन्ना नहीं लेने के कारण किसानों ने गुड़ कोल्हुओं को गन्ना देना शुरू कर दिया है।

स्थानीय मंडियों में त्योहारी माँग बढ़ने के बावजूद बाजार में स्टाक काफी अधिक रहने से कारोबार कोई खास नहीं रहा। चीनी की सभी किस्मों में 5 से 10 रुपए प्रति क्विंटल की नरमी रही।

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