मुद्रास्फीति फिर 3 प्रश के करीब

शनिवार, 8 दिसंबर 2007 (10:43 IST)
फल-सब्जियाँ, मसाले, जुवार और दाल जैसे खाद्य पदार्थ सस्ते होने से मुद्रास्फीति की सालाना वृद्धि दर 24 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में एक हफ्ता पहले की तुलना में 0.20 प्रश घटकर 3.01 प्रतिशत पर आ गई।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आँकड़ों से यह जानकारी मिली। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर पिछले साल की समान अवधि में 5.55 प्रश थी।

आलोच्य सप्ताह में तिल और मूँगफली के दाने, बिनौला और कच्ची कपास के अलावा कारखानों में बना सामान महँगा हुआ। पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ। मुद्रास्फीति की दर आर्थिक विश्लेषकों के अनुमान से कम रही। उनका मानना है कि बेस प्रभाव के कारण मुद्रास्फीति की दर अगले सप्ताह बढ़ सकती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चल रहा है जिससे देश में मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा हमेशा बना हुआ है। इस साल जनवरी में मुद्रास्फीति 6.69 प्रश तक पहुँच गई थी जो दो वर्षों का उच्चतम स्तर था। गत 27 अक्टूबर को यह 2.97 प्रतिशत पर आ गई थी जो पाँच सालों का निम्नतम स्तर था।

ये सस्ते हुए : दूध, अंडा, मांस, दालें, मसाले, जुवार, तुवर, बाजरा, समुद्री मछली और उड़द। इनकी कीमतों में 1 से 2 प्रश की गिरावट आई।

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