अध्ययन में पता चला कि जिन लोगों ने चुनौती को पूरा किया उन लोगों ने परीक्षा में बेहतर किया। बायलर विश्वविद्यालय के माइकल स्कुलिन कहते हैं, अच्छी नींद लेने से परीक्षा में किसी प्रकार के नुकसान की बजाए मदद मिली। यह छात्रों की उस विचारधारा के एकदम विपरीत है कि उन्हें या तो पढ़ाई कुर्बान करनी पड़ेगी या अपनी नींद।
विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर एलिस किंग कहते हैं, छात्र यह जानते हैं कि स्कूल का काम समाप्त करने के लिए नींद कुर्बान करना उचित नहीं है लेकिन वे मान लेते हैं कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है और वे मान लेते हैं कि कोर्स का काम, अन्य गतिविधियों तथा नौकरी और अन्य कामों के लिए दिन के घंटे पर्याप्त नहीं है।