दिल्ली उच्च न्यायालय में इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई होगी जिसमें एस्सेल समूह के इस उपक्रम को राष्ट्रध्वज के इस्तेमाल से रोकने का भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के खिलाफ आरोप लगाया गया है।
आईसीएल ने अपनी याचिका में कहा कि उसे राष्ट्रध्वज या देश के नाम का इस्तेमाल करने से रोका नहीं जा सकता।
उसने बीसीसीआई पर आरोप लगाया कि वह आईसीएल में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रध्वज का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दे रहा है। उसने बोर्ड पर खिलाड़ियों और राज्य क्रिकेट संघों को धमकाने का आरोप लगाया।
याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया कि खिलाडियों से अनुबंध करने और इसी साल ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट कराने के उसके प्रयासों में रोडा अटकाने से बीसीसीआई को रोका जाए।
आईसीएल ने कहा कि बीसीसीआई खुद को राष्ट्रध्वज या देश का एकमात्र प्रतिनिधि नहीं बता सकता।
बीसीसीआई ने राज्य क्रिकेट संघों से कहा है कि वे आईसीएल को अपने मैदान उपलब्ध नहीं कराएँ उसने आईसीएल से जुड़ने वाले सभी पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों के पेंशन समेत सभी लाभ वापस ले लिए हैं।