श्रीलंका क्रिकेट टीम के कप्तान महेला जयवर्धने ने कहा है कि महान स्पिन गेंदबाजों शेनवॉर्न और मुथैया मुरलीधरन के दबदबे के युग में अनिल कुंबले ने अपनी अलग पहचान बनाई और उनका संन्यास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का नुकसान है।
जयवर्धने ने कुंबले की सराहना खेल के महान खिलाड़ी के रूप में की जिसने कड़ी मेहनत से अपनी प्रतिभा को निखारा। जयवर्धने ने कहा कि कुंबले काफी जुझारू खिलाड़ी और एक बेहतरीन क्रिकेटर है जिसमें काफी प्रतिभा और जज्बा है। उन्होंने कहा कि शेन पारंपरिक लेग स्पिनर थे जो गेंद को काफी स्पिन कराते थे, जबकि मुरली जीनियस है। कुंबले महान खिलाड़ी है और मददगार पिचों पर वह काफी खतरनाक है।
श्रीलंकाई कप्तान ने कहा कि इतने वर्षों तक खेलना और लगभग 1000 विकेट हासिल करना आसान नहीं होता। उसने हमेशा अपने मजबूत पक्ष और बल्लेबाज के कमजोर पक्ष को देखते हुए गेंदबाजी की। यह विशेष काबिलियत गेंदबाज और चैम्पियन गेंदबाज में अंतर पैदा करती है और कुंबले दूसरी श्रेणी के थे।