कॉमेंट्री के दौरान उलझ पड़े गावस्कर-गांगुली

बुधवार, 27 अगस्त 2014 (21:36 IST)
FILE
बुधवार के दिन स्टार स्पोर्ट्‍स3 पर इंग्लैंड के शहर कार्डिफ से भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे एकदिवसीय मैच का आंखों देखा हाल हिन्‍दी भाषा में प्रसारित हो रहा था। कॉमेंट्री बॉक्स में भारत के दो धुरंधर पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर और सौरव गांगुली मौजूद थे। भारत जल्दी ही चार विकेट खो चुका था और रनों के लिए संघर्ष कर रहा था। इसी बीच इंग्लैंड के क्षेत्ररक्षण को लेकर दोनों कमेंटेटर उलझ पड़े। यह जानते हुए भी कि इतने महत्वपूर्ण मैच का लाइव प्रसारण चल रहा है...

दरअसल हुआ ये था कि 132 रनों के कुल स्कोर पर भारत 4 विकेट गंवा चुका था। पारी को संवारने के लिए कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी पहुंचे। अभी कुछ पल ही बीते थे कि उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाज जॉर्डन की गेंद पर थर्डमैन की दिशा में स्ट्रोक खेला।

FILE
जितना सुंदर यह स्ट्रोक था, उतनी ही सुंदरता के साथ गोता लगाते हुए अंग्रेज क्षेत्ररक्षक ने उसे रोक‍ लिया। इस उम्दा क्षेत्ररक्षण के लिए समीप के फील्डर्स इकट्ठा हो गए और एक-दूसरे को ताली देकर आपस में एक-दूसरे को बधाई दी। बस...यहीं से गावस्कर और गांगुली के बीच तकरार शुरू हुई।

गावस्कर पहले तो बोले, वाकई बढ़िया क्षेत्ररक्षण रहा...फिर उन्होंने खिलाड़ियों की खेल भावना के साथ उनके उत्साह की तारीफ की कि आजकल के क्रिकेट में ऐसा होता है लेकिन फिर कहा कि इसमें खिलाड़ियों की एनर्जी (ऊर्जा) भी नष्ट होती है क्योंकि वे दौड़कर आते हैं और तालियां पीटते हैं। समय बरबाद होता सो अलग...

गावस्कर ने गांगुली को कहा कि हमारे जमाने में जब हम खेलते थे तब मैं इस तरह की हरकत नहीं करता था। मैं अपनी एनर्जी को बचाकर रखता था और बल्लेबाजी करते हुए उसे खर्च करता था।

अब बारी गांगुली की थी...गांगुली ने कहा कि आजकल के क्रिकेट में ऐसा होता रहता है कि खिलाड़ी अपने क्षेत्ररक्षक का उत्साह बढ़ाने के लिए ऐसा करते हैं। यह आपके जमाने का क्रिकेट नहीं है, वर्तमान समय का क्रिकेट है। यह विवाद आगे बढ़ता.. इससे पूर्व दोनों चुप हो गए और कॉमेंट्री बॉक्स में कुछ पल शांति रही...

फिर गावस्कर ने कहा कि गांगुली आप बंगाल से हैं, कहीं 'एनर्जी और बनर्जी' में कोई कनेक्शन तो नहीं...गांगुली ने कहा कि हो भी सकता है लेकिन गावस्कर आप यह नहीं भूलें कि बंगाल को आप बहुत पसंद करते रहे हैं...अब इस तकरार का पटाक्षेप हो रहा था।

इसके बाद सुनील गावस्कर ने कहा कि मैं बंगाल का यह अहसान जीवनभर नहीं भूलूंगा कि उसने मेरे बेटे रोहन को स्वीकार किया और क्रिकेट खेलने का मौका दिया। (वेबदुनिया न्यूज)

वेबदुनिया पर पढ़ें