अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अंपायरों और रेफरियों के मैनेजर विंस वान डर बिल्ज इस राय से इत्तेफाक नहीं रखते हैं कि क्रिकेटरों के व्यवहार के कारण भद्रजनों के इस खेल में हाल के दिनों में गिरावट आई है।
बिल्ज ने कहा कि मैं नहीं समझता हूँ कि खेल की भावना में कमी आई है, लेकिन इतना जरूर है कि अब मीडिया की अतिसक्रियता इसे ज्यादा प्रचार मिल रहा है।
टीवी में आज जो कुछ दिखता है वह पहले भी होता रहा है, यह अलग बात है कि पहले इसे ज्यादा पब्लिसिटी नहीं मिलती थी। खेल भावना में कमी और आक्रामक व्यवहार तो क्रिकेट में तभी से है, जबसे इस खेल की शुरुआत हुई।
इंग्लिश काउंटी मिडलसेक्स के पूर्व तेज गेंदबाज बिल्ज ने कहा कि प्रशंसक खिलाडियों से सर्वगुण संपन्न बनने की आशा रखते हैं जो उनके साथ ज्यादती है। आखिरकार क्रिकेटर भी इंसान हैं। उनमें भी कुछ खामियाँ हैं।
उल्लेखनीय है कि मैदान पर खिलाड़ियों के दुर्व्यवहार की घटनाओं पर आईसीसी पहले ही चिंता जता चुका है और पिछले कुछ महीनों से इस पर बारीकी से नजर बनाए हुए है।
भारत के पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे में हरफनमौला खिलाड़ी एंड्रयू साइमंड्स और ऑफ स्पिनर हरभजनसिंह के बीच नोकझोंक ने इतना विकराल रूप ले लिया था कि भारतीय टीम के दौरा बीच में ही छोड़कर स्वदेश लौटने की नौबत आ गई थी।