क्लार्क पर मानहानि का मुकदमा

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011 (19:03 IST)
इंडियन प्रीमियर लीग के पूर्व आयुक्त ललित मोदी ने इंग्लैंड में कथित तौर पर ‘प्रोजेक्ट विक्टोरिया’ नाम से बागी ट्वेंटी-20 लीग शुरू करने की परियोजना बनाई थी और अब बर्खास्त आईपीएल प्रमुख ने ईसीबी प्रमुख जाइल्स क्लार्क के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने का फैसला किया है।

‘डेली टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के अनुसार क्लार्क ने पिछले साल मई में भारतीय क्रिकेट बोर्ड को एक ई-मेल भेजा था और इसी ई-मेल के आधार पर मानहानि का मामला दायर किया गया और अब जुलाई में हाई कोर्ट में इसकी सुनवाई होगी। ई-मेल में क्लार्क ने बोर्ड को मोदी और अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स मार्केटिंग फर्म आईएमजी द्वारा कथित तौर पर विशेषकर इंग्लैंड में विश्व क्रिकेट ढाँचे का सफाया करने की चेतावनी दी थी।

इंग्लैंड एंव वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के प्रमुख को दो अलग-अलग मानहानि के मामलों का सामना करना पड़ेगा, एक तो ललित मोदी की तरफ से और दूसरा आईएमजी की ओर से। दोनों मोदी और आईएमजी ने इस बात से इंकार किया है कि वे इंग्लैंड में बागी टी20 लीग गठित करने की किसी भी तरह की योजना में लिप्त थे।

क्लार्क ने आरोप लगाया कि आईएमजी और मोदी ने इंग्लैंड की शीर्ष काउंटी टीमों से आईपीएल की तर्ज पर टी20 टूर्नामेंट शुरू करने की गुप्त योजना पर चर्चा की थी जिसमें काउंटी के बजाय फ्रेंचाइजी टीमों को उतारने की योजना थी और यह परियोजना 1.2 अरब पाउंड से ज्यादा की थी।

अखबार के मुताबिक काउंटी से चर्चा से तीन महीने पहले मोदी और आईएमजी ने ‘प्रोजेक्ट विक्टोरिया’ नाम का एक दस्तावेज प्रस्तुत किया था जिसमें बताया गया था कि इंग्लैंड में फ्रेंचाइजी क्रिकेट कैसे काम कर सकता है। क्लार्क ने आरोप लगाया था कि ‘प्रोजेक्ट विक्टोरिया’ में नई कॉर्पोरेट संचालन संस्था गठित करने के लिए प्रस्ताव दिया गया था, जो ईसीबी से अलग काम करती और इसका काम इस टी20 लीग का आयोजन करना होता। यही संस्था इसमें शामिल काउंटी टीमों की ओर से फ्रेंचाइजी बेचती।

क्लार्क ने आरोप लगाया था कि आईएमजी और मोदी ने यह योजना इसलिए बनाई क्योंकि उन्हें लगता है कि काउंटी को आसानी से तोड़ा जा सकता है। (भाषा)

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