खिलाड़ी अपनी चोट न छिपाएँ-अजहरुद्दीन

रविवार, 19 जुलाई 2009 (10:03 IST)
खिलाड़ियों को अपनी चोटें िपाना नहीं चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से उनकी टीम और उनके देश को बड़े मैचों तथा टूर्नामेंटों में शर्मिंदगी झेलना पड़ती है।

यह कहना है पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का। क्रिकेटर्स से अब नेतबने अजहरुद्दीन ने यहाँ कहा कि खिलाड़ियों द्वारा अपनी चोटों को छिपाने से टीम की ताकत पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

चोट छिपाने वाला खिलाड़ी यदि मैदान में उतरता है तो वह अपनी पूरी ताकत के हिसाब ने नहीं खेल पाता है और इसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ता है।

उल्लेखनीय है कि भारत 20-20 विश्वकप के सेमीफाइनल में नहीं पहुँच पाया था और टूर्नामेंट के बाद ऐसी खबरें आई थीं कि कई भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी चोटों को छिपाया था।

अजहर शुक्रवार रात यहाँ रामलीला मैदान में दिल्ली डेयरडेविल्स क्रिकेट धमाका के शुरुआती दिन मैचों को देखने के लिए मौजूद थे।

थकाकोबहाननहीं : भारतीय कोच गैरी कर्स्टन के भारतीय खिलाड़ियों पर आईपीएल की थकान हावी होने के बयान पर उन्होंने कहा कि यह कोई बहाना नहीं है। खिलाड़ियों को पता है कि उन्हें कौन-से मैच खेलना हैं और उन्हें खुद को इस हिसाब से ढालना चाहिए कि वे कितना क्रिकेट खेल सकते हैंबेहतर यही होगा कि खिलाड़ी खुद तय करें कि उन्हें टेस्ट, वनडे और 20-20 तीनों खेलना है या उनमें से कौन से स्वरूप चुनना है।

बढरहभारतीयोदबदबा : गौतम गंभीर के टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में नंबर वन पर पहुँचने के बारे में पूछे जाने पर पूर्व कप्तान ने कहा यह भारतीय क्रिकेट के लिए बहुत अच्छी बात है कि गंभीर टेस्ट में और मौजूदा कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी वनडे रैंकिंग में नंबर वन पोजीशन पर पहुँच गए हैं। इससे पता लगता है कि भारत का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दबदबा बढ़ रहा है।

गंभीर की सराहना करते हुए अजहर ने कहा कि वे एक बहुत अच्छे बल्लेबाज हैं, जो मैदान पर पूरी ढृढ़ता के साथ खेलते हैं। उनके पास बल्लेबाजी के सभी स्ट्रोक हैं। कप्तान धोनी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वे टीम का अच्छा नेतृत्व कर रहे हैं। अगर 20-20 विश्वकप की विफलता को छोड़ दिया जाए तो वे टीम को सही दिशा में ले जा रहे हैं।

टेस्क्रिकेसर्वोपरि : टेस्ट क्रिकेट को 20-20 से खतरा होने के सवाल पर उन्होंने यह आशंका सिरे से खारिज कर दी। भारत के दूसरे सबसे सफल कप्तान अजहर ने कहा मुझे नहीं लगता कि टेस्ट क्रिकेट को ऐसा कोई खतरा है। जहाँ तक मेरा मानना है टेस्ट क्रिकेट ही सर्वोपरि है, जिसमें किसी खिलाड़ी के खेल की असली परीक्षा होती है।

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