महेंद्रसिंह धोनी सोमवार को यहाँ त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला के अंतिम लीग मैच में बांग्लादेश के खिलाफ टीम इंडिया की कमान संभालते ही कपिल देव के साथ संयुक्त रूप से भारत के चौथे सबसे अनुभवी कप्तान बन गए, जबकि उन्होंने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर को पीछे छोड़ दिया।
धोनी आज जब बांग्लादेश के खिलाफ शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम पर उतरे तो यह उनका कप्तान के तौर पर 74वाँ मैच था, जो 1983 विश्व कप जीतने वाले कप्तान कपिल के बराबर है। उन्होंने इसके साथ ही 73 मैचों में टीम की कमान संभालने वाले तेंडुलकर को पीछे छोड़ दिया। धोनी हालाँकि बुधवार को 13 जनवरी को त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ उतरते ही भारत के चौथे सबसे अनुभवी कप्तान बन जाएँगे।
भारत की ओर से सबसे अधिक मैचों में कप्तानी का रिकॉर्ड मोहम्मद अजहरुद्दीन के नाम है, जिन्होंने 174 मैचों में टीम की कमान संभाली जिसमे टीम ने 90 मैचों में जीत दर्ज की जबकि 76 में हार का सामना करना पड़ा। दो मैच टाई रहे, जबकि छह मैच बेनतीजे रहा।
भारत के सबसे अनुभवी कप्तानों की सूची में सौरव गांगुली 146 मैचों के साथ दूसरे, जबकि राहुल द्रविड़ 79 मैचों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। सौरव की अगुवाई में भारत ने 76 बार जीत हासिल की और 65 बार उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी जबकि पाँच मैचों का कोई नतीजा नहीं निकला।
धोनी ने आज के मैच से पहले जिन 73 मैचों में टीम की कमान संभाली उसमें 41 बार टीम ने विजय हासिल की जबकि केवल 25 बार टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। सात मैच बेनतीजा रहे।
विश्व चैम्पियन कप्तान कपिल ने 79 मैचों में टीम की कप्तानी संभाली जिसमें से टीम 39 बार जीतने में सफल रही, जबकि 33 बार उसे पराजय का सामना करना पड़ा।
तेंडुलकर की कप्तानी की बात करें तो दुनिया का यह सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाजी कप्तानी में फ्लॉप रहा और टीम उनकी अगुवाई में केवल 23 मैच जीत सकी, जबकि 43 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा।
आँकड़ों पर नजर डालें तो प्रतिशत के हिसाब से धोनी भारत के सफले कप्तान हैं और उनके नेतृत्व में भारत की जीत का प्रतिशत 62.16 प्रतिशत है। उनके बाद अजय जडेजा (61.53 प्रतिशत) का नंबर आता है, जिनकी कप्तानी में भारत ने 13 में से आठ मैच जीते, जबकि पाँच में उसे हार झेलनी पड़ी। (भाषा)