नए साल की शुरुआत हार से करने के बाद टीम इंडिया के लिए गुरुवार को बांग्लादेश के खिलाफ होने वाला त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट सिरीज का तीसरा मैच बहुत महत्वपूर्ण हो गया है और अपनी प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए उसे हर हाल में यह मैच जीतना होगा। यह मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजे से प्रारंभ होगा।
भारत और बांग्लादेश इस टूर्नामेंट में अपने अपने पहले मैच श्रीलंका के हाथों हार चुके हैं। कल होने इस मैच में जो भी टीम हारेगी, उसके लिए फिर फाइनल में पहुँचने की राह काफी मुश्किल हो जाएगी। श्रीलंका लगातार दो मैच जीतकर फाइनल में अपना स्थान लगभग सुनिश्चित कर चुका है।
भारत अपने पहले मैच में श्रीलंका के खिलाफ अपने 279 रन के स्कोर का बचाव नहीं कर पाया था। हालाँकि श्रीलंका के पास तिलकरत्ने दिलशान, महेला जयवर्धने और सनत जयसूर्या जैसे धुरंधर बल्लेबाज नहीं थे इसके बावजूद भारतीय गेंदबाज श्रीलंकाई बल्लेबाजों खासकर तिलन समरवीरा को नहीं रोक पाए। समरवीरा ने नाबाद शतक बनाकर भारत को करारा झटका दे दिया।
भारत इस मैच में अपनी पूरी ताकत के साथ उतरा था लेकिन खराब शुरुआत और फिर गेंदबाजों के निराशाजनक प्रदर्शन से कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को खासा निराश किया। बांग्लादेश की टीम अपेक्षाकृत कमजोर है लेकिन वनडे में कब मैच का रूख बदल जाए इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
गौतम गंभीर और वीरेन्द्र सहवाग को यह समझना होगा कि टीम को उनसे एक जोरदार शुरुआत की जरूरत रहती है। गंभीर पिछले मैच में सिर्फ आठ रन बनाकर आउट हो गए थे जबकि सहवाग आक्रामक 47 रन बनाने के बावजूद अपनी पारी को बडे स्कोर में नहीं बदल सके। धोनी श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सिरीज में नंबर तीन पर आकर काफी सफल हो रहे थे लेकिन इस मैच में वह पाँचवें नंबर पर उतरे और उन्होंने 70 गेंदों में संघर्ष करते हुए 37 रन बनाए।
यदि टीम को अच्छी शुरुआत मिलती है तो विराट कोहली को नंबर तीन पर उतारा जा सकता है लेकिन शुरू में विकेट गिरने की स्थिति में धोनी को ही नंबर तीन पर आकर जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेनी चाहिए। श्रीलंका के खिलाफ घरेलू सिरीज में बल्लेबाजी ही भारत का सबसे बड़ा मजबूत पक्ष रहा था और टीम को यदि जीतना है तो बल्लेबाजों को बडा स्कोर खड़ा करना होगा।
ओस के कारण बाद में गेंदबाजी करने वाली टीम को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। भारत के साथ भी कल यही हुआ था जब गेंदबाज नियंत्रण के साथ गेंदें नहीं डाल पा रहे थे, लेकिन यह समस्या किसी भी टीम के साथ हो सकती है। गेंदबाजों को वह कला आनी चाहिए कि ओस की परेशानी के बावजूद उन्हें किस लाइन लेंथ के साथ गेंदबाजी करनी है।
जहीर खान और आशीष नेहरा दोनों टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज हैं लेकिन शुरुआती ओवरों में इनमें से किसी भी गेंदबाज का विकेट हासिल नहीं करना टीम के लिए भारी साबित हो रहा है। कल के मैच के बाद धोनी ने भी कहा था कि तेज गेंदबाजों को शुरुआती ओवरों में विकेट निकालने होंगे, तभी प्रतिद्वंद्वी टीम पर दबाव बनाया जा सकता है।
बांग्लादेश की टीम पहले मैच में श्रीलंका से सात विकेट से हार गई थी लेकिन भारत को यह ध्यान रखना होगा कि उस मैच में बांग्लादेश ने सात विकेट पर 260 रन का स्कोर खड़ा कर लिया था। यानी यह टीम एक अच्छा स्कोर खड़ा करने में और 270 के आसपास के लक्ष्य का पीछा करने में सक्षम है। भारत को इस टीम के खिलाफ यदि जीतना है तो पहले बल्लेबाजी करने की स्थिति में उसे कम से कम 300 के आसपास का स्कोर तो बनाना ही होगा।
बांग्लादेश के पास तमीम इकबाल, इमरून कायेस, मोहम्मद अशरफुल और कप्तान शकीब अल हसन के रूप में कई अच्छे खिलाड़ी हैं। भारत को इनसे सावधान होने की जरूरत है।
तीनों टीमों के कप्तानों ने हालाँकि इस टूर्नामेंट में मैचों के थोड़ा जल्दी शुरू होने का आग्रह किया है लेकिन इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। तीसरे मैच में एक बार फिर ओस की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी और टॉस मैच में निर्णायक भूमिका निभाएगा, लेकिन जो टीम ओस से निपटने की प्रतिबद्धता के साथ खेलेगी उसके पास जीत की संभावनाएँ ज्यादा रहेंगी।
टीम : भारत - महेन्द्र सिंह धोनी (कप्तान), वीरेन्द्र सहवाग, गौतम गंभीर, विराट कोहली, सुरेश रैना, युवराज सिंह, रोहित शर्मा, दिनेश कार्तिक, रवीन्द्र जडेजा, हरभजन सिंह, जहीर खान, आशीष नेहरा, शांतकुमारन श्रीसंथ, सुदीप त्यागी और अशोक डिंडा में से।