जमैका पुलिस के उपायुक्त मार्क शील्ड्स के अनुसार बॉब वूल्मर की हत्या किसी बाहरी व्यक्ति ने की, जो कैरेबियाई देशों का रहने वाला नहीं था।
शील्ड्स ने कहा कि पूर्व पाकिस्तानी कोच की गला दबाकर हत्या की गई, जिससे पुलिस इस नतीजे पर पहुँची है कि हत्यारा जमैका के बाहर का रहने वाला था क्योंकि वहाँ हत्यारे चाकू या बंदूक का इस्तेमाल करते हैं।
उन्होंने बीबीसी के 'पैनोरमा' कार्यक्रम में कहा कि बॉब वूल्मर की हत्या और और अन्य हत्याओं में अंतर यही था कि इसमें हथियार का उपयोग नहीं किया गया। वूल्मर की गला दबाकर हत्या की गई, जिससे पुलिस इस नतीजे पर पहुँची है कि उनकी हत्या करने वाला व्यक्ति जमैका का रहने वाला नहीं था।
शील्ड्स ने कहा कि 18 मार्च को पूरे देश में हत्या के नौ मामले दर्ज किए गए थे। इसी दिन वूल्मर होटल के अपने कमरे में मृत पाए गए थे।
इस बीच विश्व कप में पाकिस्तानी टीम के मीडिया मैनेजर पीजे मीर ने इसी कार्यक्रम में कहा कि वूल्मर महसूस करते थे कि खिलाड़ी अपने खेल के बजाय धार्मिक गतिविधियों पर अधिक ध्यान देते हैं। उन्होंने दावा किया यदि वूल्मर इस बात को सार्वजनिक करते तो उनके खिलाफ फतवा जारी किया जा सकता था।
मीर ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा एक बार तबलीगी (धार्मिक) सीडी चलाई जा रही थी। बॉब तब मेरे पीछे बैठे थे और उन्होंने मुझसे कहा आप इनसे इसे बंद करने के लिए क्यों नहीं कहते। यदि वे इसे सुनना चाहते हैं तो खुद के आईपोड पर सुनें। उनका मानना था कि इस सबके लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए और मैं बॉब से सहमत था।
मीर ने कहा कि खिलाड़ी क्रिकेट पर पूरी तरह ध्यान नहीं दे रहे थे, जिससे वूल्मर नाखुश थे। उन्होंने कहा कि वह विशेषकर इस बात से खुश नहीं थे कि खिलाड़ी आधे मैच से यह कहकर बाहर चले जाते थे कि उनकी नमाज का वक्त हो गया है। ऐसे में स्थानान्न खिलाड़ी आता-जाता रहता था तथा यह प्रक्रिया चलती रहती थी। वह इसके खिलाफ थे।
मीर का मानना है कि इंजमाम उल हक और उनके खिलाड़ी नमाज को अधिक और खेल को कम वक्त देते थे जिस पर स्वदेश में कुछ हल्कों में भी नाराजगी जताई गई थी तथा स्वयं मीडिया मैनेजर को पाकिस्तान छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जब इसके खिलाफ आवाज उठाने पर उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया था।
मीर को इसमें कोई संदेह नहीं कि यदि कोच अपनी बात सार्वजनिक कर देते तो उनके (वूल्मर) खिलाफ भी फतवा जारी किया जा सकता था। बीबीसी कार्यक्रम में कहा गया कि इंजमाम और पाकिस्तानी टीम के अन्य प्रमुख खिलाड़ी तबलीगी जमात के सदस्य बन गए थे तथा ये सभी टीम बस में प्रवचन सुनते रहते थे।