पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और मैच फिक्सिंग घोटाले को उजागर करने वाले राशिद लतीफ ने वेस्टइंडीज के बल्लेबाज मर्लन सैमुअल्स पर लगाए गए दो साल के प्रतिबंध पर सतर्क प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आईसीसी को इस खेल से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए बड़ी मछलियों पर हाथ डालना होगा।
सैमुअल्स पर वेस्टइंडीज के क्रिकेट बोर्ड की अनुशासन समिति ने जनवरी 2007 भारत के दौरे के समय मैच फिक्सिंग मामले में आईसीसी की आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए दो साल का प्रतिबंध लगाया है।
पाकिस्तान क्रिकेट में सट्टेबाजी के मामले को सबसे पहले उजागर करने वाले लतीफ ने कहा आईसीसी और उसके सदस्य क्रिकेट बोर्डों को अभी इस मामले से जुडे बड़े-बड़े नामों का पता लगाने की जरूरत है।
लतीफ ने बताया अभी तक हमने देखा है कि इस तरह के अपराधों के लिए केवल खिलाड़ियों को सजा मिल रही है जबकि खेल में इस रैकेट को चलाकर भ्रष्टाचार को फैलाने वालों पर हाथ नहीं डाला जा रहा है।
सैमुअल्स इसका ताजा उदाहरण है। उन पर इस अपराध के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है लेकिन इसका क्या हुआ कि उन्होंने किससे संपर्क किया था और किसने पैसा दिया था? क्या आईसीसी के पास इसकी सूचना नहीं है?
लतीफ का दावा है कि मलिक और अन्य पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन आईसीसी और सदस्य बोर्डो ने कुछ बड़े नामों को छुपाने का प्रयास किया ताकि इस खेल की छवि बनी रहे।
लतीफ ने कहा कि मै ऐसे लोगों को जानता हूँ जो इस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं लेकिन अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध ली है। अभी तक किसी भी सट्टेबाज को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही उन पर किसी तरह का आरोप लगाया गया। जबकि खिलाड़ियों पर जुर्माना कर दिया गया। इस तरह से क्रिकेट से भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो सकता।
उन्होंनें कहा मैंने खुद आईसीसी को लिखा है कि किस तरह से मैच फिक्सिंग चल रही है। इसके लिए आईसीसी और क्रिकेट बोर्डो और भ्रष्टाचार निरोधी इकाइयों को हिम्मत दिखानी होगी और ऐसे लोगों को पकड़ना होगा जो आज सक्रिय हैं।
मलिक ने पाकिस्तान उच्च न्यायालय में अपनी आजीवन प्रतिबंध के खिलाफ अपील की है। लतीफ ने कहा यह उसका अधिकार है और अदालत इस मामले में न्याय करे।