वीरेंद्र सहवाग बहुत हुआ, युवाओं को आने दो (Virendra Sehwag)
राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ के लिए टीम चुनते समय खिलाड़ियों की मौजूदा फॉर्म को ध्यान में रखा और इसीलिए गौतम गंभीर को टीम से बाहर कर दिया गया। वीरेंद्र सहवाग ने इंग्लैंड के खिलाफ नवंबर माह में अहमदाबाद टेस्ट में शतक बनाया था और शायद इसीलिए उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मौका और दिया गया, लेकिन चेन्नई टेस्ट की पहली पारी में सहवाग फ्लॉप हो चुके हैं, क्या उन्हें और मौका दिया जाना चाहिए?
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सहवाग लगातार फ्लॉप हो रहे हैं और बीच बीच में एक बड़ी पारी खेलकर अगली सीरीज़ के लिए टीम में अपना स्थान बचा लेते हैं, लेकिन ऐसा कब तक चलेगा? इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर सहवाग बुरी तरह फ्लॉप रहे। कुछ क्रिकेट एक्सपर्ट मानते हैं कि अब युवा बल्लेबाज़ों को आज़माने का मौका आ गया है। अगर सहवाग फॉर्म नहीं हैं तो शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे, मनोज तिवारी जैसे युवाओं को मौका मिलना चाहिए।
टीम को अच्छी शुरुआत देकर उसे मज़बूत स्थिति में लाने का जिम्मा सहवाग ने कई बार निभाया है, लेकिन समय के साथ साथ चीज़ें बदलती रहती हैं। सहवाग ने पाकिस्तान के खिलाफ मुल्तान में (309) और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई में (319) तिहरे शतक जमाए हैं, लेकिन इनके दम पर वे कब तक टीम में बने रहेंगे? क्या पिछले प्रदर्शन के दम पर टीम को उन्हें ढोना चाहिए?
कभी टीम की ताकत रहे सहवाग फिलहाल टीम की कमज़ोरी साबित हो रहे हैं। भारतीय टीम को एक सशक्त सलामी बल्लेबाज़ चाहिए जो उसे ठोस शुरुआत दे सके। अगर यह काम सहवाग नहीं कर सकते तो युवा बल्लेबाज़ों के लिए टीम में जगह बनानी चाहिए।