शास्त्री कोच पद के उचित दावेदार

सोमवार, 4 जून 2007 (01:16 IST)
पूर्व कप्तान कपिल देव ने टीम इंडिया के नए कोच के चयन के लिए नियुक्त की गई समिति की बैठक से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव निरंजन शाह द्वारा डेव व्हाटमोर का पक्ष लिए जाने की आलोचना करते हुए कहा है कि यदि कोच का नाम पहले ही तय कर लिया गया है तो फिर समिति बनाने और बैठक बुलाने की क्या जरूरत है।

समाचार चैनल 'आजतक' पर आज प्रसारित एक कार्यक्रम में कपिल ने कहा चयन समिति में कई दिग्गज शामिल हैं और कोच चुनने का फैसला उन्हीं पर छोड़ देना चाहिए। यदि कोच पहले ही तय कर लिया गया है तो स्थिति साफ कर देनी चाहिए। भारत के तीन पूर्व कप्तानों सुनील गावसकर, आर.वेंकटराघवन और रवि शास्त्री की अगुवाई वाली कोच चयन समिति की सोमवार को बंगलोर में बैठक होनी है।

कपिल ने यह भी कहा कि यदि रवि शास्त्री कोच पद के सर्वश्रेष्ठ विकल्प हैं तो खुद उन्हें और बीसीसीआई को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों पर सवाल उठाते हुए कहा

व्हाटमोर या फिर श्रीलंका के पूर्व कोच टॉम मूडी के साथ भारतीय खिलाड़ियों ने काम नहीं किया है तो वे इन लोगों का नाम कैसे सुझा सकते हैं। मेरे लिए यह दुःख की बात है कि भारतीय खिलाड़ी विदेशी कोच चाहते हैं। एक दिन सचिन तेंडुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली की भी बारी आएगी, लेकिन फिर ये कोच नहीं बन पाएँगे।

पूर्व कोच मदनलाल ने भी अपना कार्यकाल याद करते हुए कहा कि कई मौकों पर मैं बहुत मजबूर था जो उन्हें.खिलाडियों. अच्छा नहीं लगा। मेरे साथ तो सपोर्ट स्टाफ भी नहीं था।

व्हाटमोर के भारतीय कोच बनने की संभावना पर मदनलाल ने कहा कि विदेशी कोच लाना पुराने भारतीय खिलाडियों की तौहीन है, लेकिन मौजूदा खिलाडी ही भारतीय कोच नहीं चाहते हैं और एक ही आदमी अगर रेस में दौड़ रहा है तो जाहिर है कि जीतेगा भी।

हालाँकि उन्होंने बोर्ड के समक्ष अपनी दावेदारी जताते हुए साफ कहा कि बोर्ड को चार-पाँच दावेदारों को बुलाना चाहिए। मैं भी आक्रामक हूँँ और कोचिंग से संबंधित तमाम योग्यताएँ भी रखता हूँ।

पूर्व कोच अंशुमन गायकवाड़ ने भी कपिल और मदनलाल की तरह कोच चुनने की प्रक्रिया को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि इस बार कोच चुनने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बिल्कुल नहीं है।

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