सांत्वना जीत के लिए उतरेंगे डेयरडेविल्स

रविवार, 18 अक्टूबर 2009 (20:27 IST)
प्रमुख बल्लेबाजों के लगातार लचर प्रदर्शन से सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर होने वाली दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम सोमवार को यहाँ केप कोबराज के खिलाफ चैंपियन्स लीग ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट के औपचारिक मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर से प्रेरणा लेकर जीत के साथ अंत करना चाहेगी।

डेयरडेविल्स की टीम की दिवाली की रात बेंगलूर में रॉयल चैंलेंजर्स से आठ विकेट की करारी हार से अंतिम चार में पहुँचने की संभावना समाप्त हो गई। रायल चैलेंजर्स की टीम पहले ही इस दौड़ से बाहर हो गई थी, लेकिन उसके गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों ने जाँबाज खेल दिखाकर साबित कर दिया कि औपचारिक मैच में भी प्रेरक प्रदर्शन करके आसान जीत हासिल की जा सकती है।

लीग बी से विक्टोरिया बुशरेंजर्स और केप कोबराज की टीम पहले ही सेमीफाइनल में पहुँच गई हैं और ऐसे में टूर्नामेंट के लिहाज से कल के मैच का महत्व महज लीग से पहली और दूसरी टीम के निर्धारण तक सीमित रहेगा। इन दोनों टीमों के चार-चार अंक हैं, लेकिन कोबराज रन रेट के आधार पर अभी दूसरे स्थान पर है। कोबराज ने अभी तक अपना प्रत्येक मैच जीता है और वह अपना विजय अभियान जारी रखकर लीग में चोटी पर रहने के साथ ही बढ़े मनोबल के साथ सेमीफाइनल में उतरना चाहेगी।

डेयरडेविल्स अब अपने प्रशंसकों के सामने सांत्वना जीत हासिल करने की कोशिश करेगा, लेकिन यह आसान नहीं है क्योंकि गौतम गंभीर की अगुवाई वाली टीम टूर्नामेंट से अभी तक किसी भी मैच में प्रेरणादायी प्रदर्शन करने में नाकाम रही है। उसने किसी भी विभाग में अब तक इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया जिससे यह कहा जा सके कि यह उसका मजबूत पक्ष है।

दिल्ली की टीम की बल्लेबाजी सभी टीमों में काफी मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन अभी तक उसे सबसे ज्यादा बल्लेबाजों ने ही निराश किया। कप्तानी के बोझ का गंभीर की बल्लेबाजी पर साफ असर दिख रहा है। क्रिकेट के तीनों प्रारूप का यह धाकड़ बल्लेबाज अब तक तीन मैच में केवल 18 रन ही बना पाया है। इस साल आईसीसी ट्वेंटी-20 के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए तिलकरत्ने दिलशान ने भी निराश किया है। श्रीलंका का दाएँ हाथ का यह बल्लेबाज अपनी ख्याति के अनुरूप किसी भी मैच प्रदर्शन नहीं कर पाया और उनके नाम पर तीन मैच में 48 रन दर्ज हैं।

सीमित ओवरों के एक और मँजे हुए बल्लेबाज ओवैस शाह (तीन मैच में 35) भी टीम की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे जबकि दिनेश कार्तिक केवल एक मैच को छोड़कर अन्य दो में बुरी तरह असफल रहे। डेयरडेविल्स की बल्लेबाजी का सकारात्मक पक्ष केवल वीरेंद्र सहवाग रहे, जिन्होंने टीम को तेज शुरुआत दी। उनके नाम पर तीन मैच में 134 रन दर्ज हैं और वह फिरोजशाह कोटला में दिवाली के बाद का धूमधड़ाका करके दर्शकों को रोमांचित करने की पूरी कोशिश करेंगे। दिल्ली की जीत हालाँकि गंभीर, दिलशान, शाह और कार्तिक के भी उपयोगी योगदान से सुनिश्चित हो पाएगी।

कोटला की पिच पर अब भी गेंद धीमी और नीचे रहने की संभावना है, लेकिन दिल्ली के बल्लेबाजों के लिए यह बहाना नहीं हो सकता है क्योंकि वे इस पर दो मैच खेल चुके हैं। केप कोबराज के बल्लेबाजों को जरूर इससे सामंजस्य बिठाने में दिक्कत हो सकती है और फिर डर्क नेन्स ने जिस तरह से इस पिच का अच्छा फायदा उठाया है, उससे उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

नानेस ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन आशीष नेहरा, ग्लेन मैकग्रा और अमित मिश्रा बीच-बीच में ही अपनी ख्याति अनुरूप खेल दिखाने में सफल रहे जो डेयरडेविल्स के लिए चिंता का विषय हो सकता है। डेयरडेविल्स के गेंदबाजों के लिये कोबराज के बल्लेबाजों पर अंकुश लगाना आसान नहीं होगा क्योंकि उसके शीर्ष क्रम में बड़ा नाम नहीं होने के बावजूद सभी बल्लेबाजों ने प्रभावशाली खेल दिखाया है, जिससे उसकी टीम सिर्फ एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं दिखती है।

कप्तान एंड्रयू पुटिक के नाम पर टूर्नामेंट का एकमात्र शतक दर्ज है तो अनुभवी जीन पॉल डुमिनी पहले मैच से ही बेहतरीन फार्म में हैं। हर्शल गिब्स को अभी अपना जलवा दिखाना है, जबकि डेरेक ब्रांड और हेनरी डेविड्स ने कल विक्टोरिया के खिलाफ शानदार पारियाँ खेलकर दिखा दिया कि यह दक्षिण अफ्रीकी टीम केवल दो तीन बल्लेबाजों पर ही निर्भर नहीं है तथा उसका मध्यक्रम काफी मजबूत है।

तेज गेंदबाज मोंडे जोंडेकी की सही समय पर फार्म में वापसी कोबराज के लिए अच्छा संकेत है। उनके साथ रोरी क्लेनवेल्ट, वेरोन फिलेंडर और क्लाउड हैंडरसन जैसे अच्छे गेंदबाज हैं। डुमिनी ने जरूरत पड़ने पर स्पिन विभाग की जिम्मेदारी बखूबी संभालकर टीम में संतुलन पैदा किया है।

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