सीनियर खिलाड़ियों पर दबाव बढ़ेगा-बोर्डे

पूर्व भारतीय कप्तान चंदू बोर्डे को लगता है कि ईरानी ट्रॉफी से शेष भारत की टीम से सौरव गांगुली को बाहर किए जाने से राष्ट्रीय टीम के अन्य सीनियर खिलाड़ियों पर अच्छा प्रदर्शन का दबाव बढ़ेगा।

उनका इशारा अन्य सीनियर खिलाड़ियों में सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की तरफ था जो श्रीलंकाई दौरे में गांगुली के साथ अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहे थे, जिससे भारत को श्रीलंका के खिलाफ श्रृंखला गँवानी पड़ी थी।

अन्य पूर्व कप्तान अजित वाडेकर हालाँकि मानते हैं कि गांगुली समेत सभी चारों अनुभवी सीनियर बल्लेबाजों को अगले महीने अजेय ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलने वाली टीम में होना चाहिए।

बोर्डे ने बताया ‍कि टीम के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गांगुली को बाहर करना शायद चयनकर्ताओं की भविष्य की योजना का हिस्सा है। इससे अन्य खिलाड़ी भी सतर्क रहेंगे। यह एक तरह का संकेत है।

यह घटना भारत के 1978 में पाकिस्तान में हुई भारत की श्रृंखला को याद दिलाती है। तीन दशक पहले भारत ने 1961 के बाद दोनों देशों के बीच किकेट दुश्मनी को समाप्त करने के लिए एक ऐतिहासिक दौरा किया था, जिसमें उसका सारा दारोमदार इरापल्ली प्रसन्ना, भागवत चंद्रशेखर और कप्तान बिशनसिंह बेदी की स्पिन तिकड़ी पर था, लेकिन ये सभी उपयोगी साबित नहीं हुए और भारत ने यह श्रृंखला ँवा दी थी।

वाडेकर को हालाँकि नहीं लगता कि भारत के श्रीलंका दौरे से 'फैब फोर' बल्लेबाजों के युग अंत हो जाएगा। उनका मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इन सबकी भारतीय टीम में मौजूदगी काफी जरूरी है।

वाडेकर ने कहा हम श्रीलंका के लिए अच्छी तरह तैयारी नहीं कर पए थे जबकि इस दौरे के लिए उनकी (श्रीलंका) तैयारी काफी बढ़िया थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के लिए गांगुली समेत सीनियर खिलाड़ियों का अनुभव काफी अहम होगा। गांगुली को शायद उनके क्षेत्ररक्षण के कारण बाहर किया गया है।

उन्होंने कहा मुझे नहीं लगता कि युवा अभी से जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं। वे अभी पूरी तरह परिपक्व नहीं हुए हैं। अनिल कुंबले की जगह अन्य स्पिनर के बारे में बोर्डे और वाडेकर एकमत थे कि इस 37 वर्षीय की जगह लेने वाला कोई और दिखाई नहीं देता।

बोर्डे ने कहा श्रीलंका ने कुंबले के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन भारतीय विकेटों पर वह और हरभजन विकेट चटकाने के लिए काफी अहम हैं। अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मध्यम तेज गेंदबाज विकेट नहीं ले सके तो ये महत्वपूर्ण साबित होंगे।

उन्होंने कहा कि कुंबले की जगह आने वाले पीयूष चावला और अमित मिश्रा उनका स्थान लेने के लिए अभी तैयार नहीं हैं और अभी अपरिपक्व हैं।

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