पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के 15 अगस्त को संन्यास की घोषणा करने के कुछ ही मिनट बाद 33 साल के रैना ने भी उनके नक्शेकदम पर चलते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर सभी को हैरान कर दिया था। बीसीसीआई ने बयान में कहा, ‘बायें हाथ के आक्रामक बल्लेबाज सुरेश रैना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के अपने फैसले के बारे में बीसीसीआई को रविवार को औपचारिक रूप से जानकारी दी थी।’
आम तौर पर खिलाड़ी संन्यास की घोषणा करने से पहले बीसीसीआई को सूचित करते हैं। रैना ने 13 साल के अपने करियर के दौरान 18 टेस्ट, 226 वनडे और 78 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने संक्षिप्त समय के लिए टीम की कमान भी संभाली। बयान के अनुसार, ‘उनकी कप्तानी में भारत ने वेस्टइंडीज को एकदिवसीय मैचों में 3-2 से हराकर श्रृंखला जीती और बांग्लादेश को 2-0 से हराया और साथ ही जिंबाब्वे में टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला 2-0 से जीती।’
टेस्ट पदार्पण में शतक जड़ने वाले रैना खेल के तीनों प्रारूपों में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय हैं। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने रैना की सराहना करते हुए कहा, ‘सुरेश रैना सीमित ओवरों के प्रारूप में भारत के लिए अहम खिलाड़ी रहे। निचले क्रम में आकर मैच जिताने वाली पारी खेलने के लिए काफी कौशल और प्रतिभा की जरूरत होती है।’
उन्होंने कहा, ‘उन्होंने और युवराज सिंह ने मिलकर एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत के लिए मजबूत मध्यक्रम बनाया। मैं उन्हें और उनके परिवार को शुभकामनाएं देता हूं।’ बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा, ‘सुरेश रैना टी20 के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक हैं। मैदान पर काफी जीवंत, रैना ने अपने पूरे क्रिकेट करियर के दौरान बायें हाथ के बल्लेबाज के रूप में अपनी क्षमता दिखाई।’
उन्होंने कहा, ‘बड़े मैच के खिलाड़ी रैना की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2011 विश्व कप क्वार्टर फाइनल में तेजतर्रार पारी उनके शानदार करियर की गवाह है। मैं करियर की दूसरी पारी में उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।’ (भाषा)