लंबे समय से खराब फार्म में चल रहे फिंच की लगातार आलोचना हो रही है। पहले दो वनडे में वह 12 रन ही बना सके हैं। फिंच ने तीसरे और आखिरी मैच से पहले कहा, मैं हताश हूं। मैं लंबी पारी खेलने की कोशिश कर रहा हूं। रन की तलाश में आपको रन बनाने का सही तरीका भी आना चाहिए। मैने पिछले दो मैचों के फुटेज देखे हैं। मुझे पता चल गया है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी बार शतक जमाने के समय और इन पारियों में क्या फर्क था।
उन्होंने कहा, मैं खुद को सर्वश्रेष्ठ मौका देना चाहता हूं। पिछले दो मैचों में ऐसा नहीं कर सका। टेस्ट श्रृंखला की छह पारियों में उन्होंने 97 रन ही बनाए थे और आखिरी मैच में उन्हें बाहर कर दिया गया। उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले कुछ दिन में उन्होंने खुद को बार बार यह याद दिलाया है कि वह अभी भी शानदार खिलाड़ी हैं।
उन्होंने कहा, आक्रामक खेलने और बस क्रीज पर बने रहने में संतुलन होता है। सही समय पर आक्रामक होकर खेलने की जरूरत है। मेरे 13 अंतरराष्ट्रीय शतक इस बात का सबूत हैं कि मैं अच्छा खिलाड़ी हूं। मुझे अपना स्वाभाविक खेल दिखाना होगा। फिंच ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम आखिरी वनडे और श्रृंखला जीतने को बेताब है।
उन्होंने कहा, हमारा सामना भारत जैसी मजबूत टीम से है और हमने अच्छी बल्लेबाजी की है। पिछले आठ दस महीने में बल्लेबाजी में काफी सुधार आया है और हम गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की वजह से श्रृंखला में बराबरी पर हैं। (भाषा)