श्रीलंका के खिलाफ अपनी सर्वश्रेष्‍ठ पारी पर रहाणे बोले...

शनिवार, 5 अगस्त 2017 (00:04 IST)
कोलंबो। भारत के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे ने श्रीलंका के खिलाफ शुक्रवार को 132 रन की अपनी पारी को स्पिन की अनुकूल पिच पर अपनी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक बताया और उन्होंने बाकी बचे दूसरे टेस्ट में बल्लेबाजों की मुश्किलों का सामना करने की भविष्यवाणी की।
 
रहाणे ने चेतेश्वर पुजारा (133) के साथ चौथे विकेट के लिए 217 रन की साझेदारी की और भारत को पहले दिन तीन विकेट पर 133 रन की मुश्किल स्थिति से उबारा। रहाणे ने कहा, यह स्पिनरों के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है। मेरा ध्यान दबदबा बनाने पर था। बल्लेबाजी के लिए जाते हुए मुझे थोड़ा बहुत पता था कि विकेट कैसा बर्ताव करेगर, इससे कितना उछाल मिलेगा और मेरे खेल के अनुकूल होगा या नहीं। 
 
रहाणे ने कहा, पुजारा और मेरे बीच संवाद ऐसा था कि हमने बमुश्किल ही कोई मेडन ओवर खेला। इसलिए उन पर दोबारा दबाव बन गया। मैच आगे बढ़ने के साथ इस विकेट पर बल्लेबाजी करना और मुश्किल होता जाएगा। इस श्रृंखला का भारत का मजबूत पक्ष श्रीलंका के स्पिनरों विशेषकर रंगना हेराथ का सामना करना रहा और रहाणे ने कहा कि मेजबान टीम के स्पिनरों से निपटने के लिए उनके पास रणनीति थी।
 
उन्होंने कहा, जब हम पिछली बार यहां श्रीलंका के खिलाफ खेले थे, विशेषकर गाले टेस्ट के बाद, हमने फैसला किया था कि हेराथ के खिलाफ फुटवर्क का इस्तेमाल बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए उनके और उनके स्पिनरों के खिलाफ हम फुटवर्क का इस्तेमाल करना चाहते थे जिससे कि बैकफुट पर अधिक रन बना सकें। 
 
रहाणे ने कहा, विशेषकर इस तरह के विकेट पर, यह काफी धीमा और सूखा है, इसलिए हमें पता था कि अगर हम फुटवर्क का इस्तेमाल करेंगे तो हम अधिक रन बना सकते हैं। उछाल असमान थी। कुछ गेंद उछाल ले रही थी और कुछ नीची रह रही थी। हमें पता था कि अगर वे स्वीप शाट खेलेंगे तो यह हमारे लिए अच्छा है, हमारे पास विकेट हासिल करने का मौका होगा।
 
रहाणे ने अपना पिछला शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ 2016 में जड़ा था जब उन्होंने 188 रन की पारी खेली थी। उन्होंने लगभग नौ महीने बाद अपना नौवां टेस्ट शतक जड़ा है। इस बीच रहाणे को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर जूझना पड़ा। मध्यक्रम के इस बल्लेबाज ने हालांकि कहा कि वे खराब फार्म को लेकर परेशान नहीं थे।
 
उन्होंने कहा, यह महत्वपूर्ण शतक है लेकिन मैं आश्वस्त था। यहां तक कि इस पूरे समय के दौरान नौ से 10 टेस्ट में शतक नहीं जड़ने के बावजूद मैं आत्मविश्वास से भरा था। मुझे पता था कि अगर मैं जम जाऊंगा तो बड़ी पारी खेलूंगा। यह इस पूरे समय के दौरान सकारात्मक सोच बनाए रखना था। रहाणे ने कहा, श्रीलंका आने से पहले मैं वेस्टइंडीज में अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था इसलिए मैं इस फार्म को आगे बढ़ाना चाहता था। मैंने फैसला किया कि अगर मैं सकारात्मक बल्लेबाजी करता हूं तो इसे बड़ी पारी में बदल सकता हूं। (भाषा)

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