हालांकि मध्यमक्रम के इस बल्लेबाज को भारत की ओर से ज्यादा क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला फिर भी जब-जब भी उन्हें ब्लू ब्रिगेड की ओर से खेलने का मौका मिला, उन्होंने कमाल का प्रदर्शन किया। उनकी गिनती देश के अच्छे क्रिकेटरों में होती थी।
सोशल मीडिया पर प्रशंसक निराश : सोशल मीडिया पर भी रायडू के प्रशंसकों ने उनके संन्यास को लेकर निराशा जाहिर की। एक ट्वीट में कहा गया कि अगर वह किसी अन्य देश की ओर से खेल रहे होते तो वह उस देश के सर्वोत्तम बल्लेबाजों में से एक होते। कुछ लोगों ने मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अगर चयनकर्ता का रिकॉर्ड इतना खराब हो तो इस तरह की स्थिति आती है।
गौतम गंभीर को भी आश्चर्य : टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को भी रायडू के संन्यास लेने पर आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा कि पूरे बीसीसीआई के मौजूदा चयन पैनल ने खुद एक अधूरा करियर बनाया, तभी वे अंबाती रायडू जैसी प्रतिभा को उचित मौका नहीं दे सके। ये शर्मनाक है। गंभीर ने कहा कि खिताब जीतना महत्वपूर्ण जरूर है लेकिन उससे कहीं जरूरी है दिल से खेलना। रायडू हमेशा दिल से क्रिकेट खेले।