भारतीय खिलाड़ी डीआरएस से संतुष्ट : अनिल कुंबले

मंगलवार, 6 दिसंबर 2016 (19:37 IST)
मुंबई। भारतीय क्रिकेट टीम के कोच अनिल कुंबले ने कहा है कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में लागू की गई अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के अब तक के परिणाम से भारतीय खिलाड़ी संतुष्ट हैं। 
         
कुंबले ने इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाले चौथे टेस्ट मैच से पूर्व मंगलवार को यहां कहा, डीआरएस को लेकर अब तक अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। सीरीज में डीआरएस को लेकर अब तक जो कुछ भी हुआ है, उससे हमें एक नया अनुभव मिला है। कुल मिलाकर देखा जाए तो इसके परिणाम से खिलाड़ी संतुष्ट दिखाई दे रहे हैं।
        
भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाजों की चोटों पर कोच ने कहा, यह हमारे हाथ में नहीं है। चोट खेल का एक हिस्सा है। विशाखापत्तनम में राहुल का चोटिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है। क्रिकेट में चोटिल होना एक आम बात है। 
 
सलामी बल्लेबाज के रूप में लोकेश राहुल और मुरली विजय की जोड़ी सेट हो गई थी, लेकिन खिलाड़ियों का चोटिल होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके बावजूद सीरीज में अब तक हमने अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछले मैच में विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने ऊपरी क्रम में शानदार बल्लेबाजी की।
        
आठ साल बाद भारतीय टीम में लौटे पार्थिव ने मोहाली में 42 और नाबाद 67 रन की पारी खेली थी। कुंबले ने पार्थिव की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने मोहाली टेस्ट में पारी के आगाज का जिम्मा उठाया था और बेहतरीन प्रदर्शन किया। 
       
पूर्व दिग्गज लेग स्पिनर ने कहा, पार्थिव आठ साल बाद टीम में खेल रहा था और वह बिलकुल नर्वस नहीं था। उनसे पारी की शुरुआत के लिए पूछा गया और उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। इसके अलावा उन्होंने विकेटकीपिंग में अच्छा प्रदर्शन किया। 
 
उन्‍होंने कहा, मुझे खुशी है कि मैच में वे विकेटकीपिंग और छठे-सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे। जब आप आठ साल बाद लौटते हैं तो अच्छा प्रदर्शन करने को लालायित रहते हैं और पार्थिव के साथ भी ऐसा ही था।
         
टीम की मजबूत कड़ी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में टीम की सबसे ज्‍यादा खास बात उसकी फिटनेस है। पूर्व कप्तान ने कहा, भारतीय टीम का फिटनेस इस समय सबसे ज्‍यादा अच्‍छा है और वही उसकी खासियत है। 
 
उन्होंने कहा कि चोट लगना खेल का हिस्‍सा होता है, लेकिन भारतीय टीम की बेस्‍ट फिटनेस को कोई नकार नहीं सकता है। इसके अलावा टीम की सफलता में सभी खिलाड़ियों का बराबर योगदान होता है। यही सबसे अच्‍छी बात है। (वार्ता)

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