टी20 क्रिकेट में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी देख द्रविड़-कुंबले ने रखी ये मांग

शुक्रवार, 3 जून 2016 (20:32 IST)
लंदन। पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने सुझाव दिया है कि मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) को खेल में संतुलन बनाने के लिए बल्लों के आकार की सीमा तय करने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। टी-20 और वनडे में बन रहे बड़े स्कोर और यहां तक कि गलत शॉट के भी छक्के के लिए चले जाना विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय है।
विशेषज्ञों का मानना है कि क्रिकेट तेजी से बल्लेबाजों का खेल बनता जा रहा है। आईसीसी ने लार्डस में क्रिकेट समिति की चर्चा की विस्तृत जानकारी देते हुए विज्ञप्ति में कहा कि एमसीसी ने बल्ले और गेंद के बीच संतुलन बनाने के लिए किये जाने वाले बदलावों के संबंध में समिति से सुझाव देने के लिए कहा था। समिति को एमसीसी से एक शोध पत्र मिला। शोध पत्र में वैज्ञानिक तथ्यों और आंकड़ों के जरिए दिखाया गया है कि हाल के वर्षों में बल्ले अधिक मजबूत बन गए हैं और इसका प्रमुख कारण ‘स्वीट स्पॉट’ का अधिक बड़ा होना है।
 
इसमें कहा गया है कि समिति का मानना है कि एमसीसी को बल्ले और गेंद के बीच बेहतर संतुलन हासिल करने के लिए क्रिकेट के बल्लों के आकार की सीमा तय करने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। समिति में राहुल द्रविड़, माहेला जयवर्धने, एंड्रयू स्ट्रास जैसे पूर्व अंतरराष्ट्रीय कप्तान भी शामिल हैं जिन्होंने इस पर भी चिंता जताई कि अधिकतर बल्लेबाज ब्रिटिश सुरक्षा मानक (बीएसएस) के अनुरूप हेलमेटों का उपयोग नहीं कर रहे हैं।
 
समिति ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ‘खिलाड़ी के सिर में चोट लगने पर उसकी जगह किसी अन्य खिलाड़ी को रखने’ के प्रस्ताव पर विचार किया। इसमें कहा गया है कि समिति ने क्रिकेट में खिलाड़ियों पर चोट लगने से बेहोशी छाने की गंभीरता को स्वीकार किया और इस संबंध में एक नीति लागू करने पर जोर दिया लेकिन उसका विचार था कि वर्तमान नियम और खेल की परिस्थितियां खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ संभावित चिकित्सा उपचार मुहैया कराने की अनुमति देते हैं और इस संबंध में नियमों में आगे बदलावों की अभी जरूरत नहीं है। सदस्य देशों की अवैध गेंदबाजी एक्शन को लेकर किए गए कार्यों के लिए भी समिति ने तारीफ की। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें