ठाकुर ने हलफनामे में कहा, मैं इस बात का खंडन करता हूं कि मैंने आईसीसी के सीईओ से ऐसा कोई अनुरोध किया था। ठाकुर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में आईसीसी की बैठक में भाग लिया था जिसमें उन्होंने आईसीसी अध्यक्ष और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर से कहा कि यह उनका मानना था कि कार्य समिति में सीएजी के प्रतिनिधि की नियुक्ति की जस्टिस लोढा समिति की सिफारिश बीसीसीआई के कामकाज में सरकारी दखल के समकक्ष होगी और आईसीसी ऐसी दशा में बोर्ड को निलंबित कर सकता है।
उन्होंने कहा, मैंने उनसे अनुरोध किया कि आईसीसी अध्यक्ष होने के नाते क्या वह अपना रुख करने के लिए एक पत्र लिख सकते हैं, जो उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में अपनाया था। उन्होंने कहा, मनोहर ने उस बैठक में मुझसे कहा कि उन्होंने जब वह रुख अपनाया था, तब मामला न्यायालय के विचाराधीन था और अभी उस पर फैसला नहीं आया है।