आईसीसी सीईओ से सरकारी दखल पर बोलने को नहीं कहा : ठाकुर

सोमवार, 17 अक्टूबर 2016 (20:10 IST)
नई दिल्ली। बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि उन्होंने आईसीसी सीईओ डेव रिचर्डसन से यह कहने के लिए नहीं कहा था कि न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति की नियुक्ति बीसीसीआई के कामकाज में सरकारी दखल के समकक्ष होगी।
ठाकुर ने अपने हलफनामे में कहा  मैं सात अक्टूबर के न्यायालय के आदेश पर अमल करते हुए यह हलफनामा दाखिल कर रहा हूं। मुझसे पूछा गया था कि क्या मैंने आईसीसी के सीईओ से यह कहने के लिए कहा था कि लोढा समिति की नियुक्ति बीसीसीआई के कामकाज में सरकारी दखल के समकक्ष है। 
 
ठाकुर ने हलफनामे में कहा, मैं इस बात का खंडन करता हूं कि मैंने आईसीसी के सीईओ से ऐसा कोई अनुरोध किया था। ठाकुर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में आईसीसी की बैठक में भाग लिया था जिसमें उन्होंने आईसीसी अध्यक्ष और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर से कहा कि यह उनका मानना था कि कार्य समिति में सीएजी के प्रतिनिधि की नियुक्ति की जस्टिस लोढा समिति की सिफारिश बीसीसीआई के कामकाज में सरकारी दखल के समकक्ष होगी और आईसीसी ऐसी दशा में बोर्ड को निलंबित कर सकता है। 
 
उन्होंने कहा, मैंने उनसे अनुरोध किया कि आईसीसी अध्यक्ष होने के नाते क्या वह अपना रुख करने के लिए एक पत्र लिख सकते हैं, जो उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में अपनाया था। उन्होंने कहा, मनोहर ने उस बैठक में मुझसे कहा कि उन्होंने जब वह रुख अपनाया था, तब मामला न्यायालय के विचाराधीन था और अभी उस पर फैसला नहीं आया है। 
 
हलफनामे में आगे कहा गया कि उच्चतम न्यायालय ने बाद में बीसीसीआई की यह दलील खारिज कर दी कि शीर्ष परिषद में सीएजी प्रतिनिधि की नियुक्ति सरकारी दखल के समकक्ष होगी।
न्यायालय ने कहा था कि आईसीसी को यह अच्छा ही लगेगा कि इस नियुक्ति से बीसीसीआई के वित्तीय मामलों में पारदर्शिता आएगी।
 
उच्चतम न्यायालय ने सात अक्‍टूबर को ठाकुर को निजी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। उनसे पूछा गया था कि क्या उन्होंने आईसीसी के सीईओ से यह कहने को कहा था कि जस्टिस लोढा समिति की नियुक्ति बीसीसीआई के कामकाज में सरकारी दखल के समकक्ष है। (भाषा)

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