ठाकुर ने न्यायालय की फटकार के बाद गुरुवार को बिना शर्त माफी मांगी थी। उन्होंने कहा कि उनका शीर्ष अदालत का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और हमीरपुर से सांसद ठाकुर से 7 जुलाई को उच्च न्यायालय ने माफी मांगने के लिए कहा था ताकि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला समाप्त किया जा सके।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान माफीनामे पर गौर फरमाया और उसे अपने आदेश के अनुकूल पाया। इसके बाद उनके खिलाफ अवमानना का मामला समाप्त कर दिया। ठाकुर पर हलफनामा देकर झूठ बोलने (परजुरी) का आरोप था।