अश्विन ने कहा कि सहवाग कभी आत्ममुग्धता का शिकार नहीं होते। असल में उन्होंने मुझे हताश कर दिया था। उन्होंने कहा कि दांबुला में एक घटना हुई थी, जहां मेरी प्रत्येक गेंद को उन्होंने कट किया। मैंने पहली गेंद ऑफ स्टंप के बाहर फेंकी तो सहवाग ने कट किया। अगली गेंद ऑफ स्टंप पर फेंकी तो उन्होंने कट किया। अगली गेंद मैंने मिडिल स्टंप पर फेंकी तो उन्होंने कट किया।
अश्विन ने कहा कि अगली गेंद मैंने लेग स्टंप पर फेंकी तो उन्होंने फिर कट किया, तो मैंने कहा कि आखिर यह हो क्या रहा है? इसलिए मैंने फुल लेंथ की गेंद फेंकी, सहवाग क्रीज से बाहर निकले और मुझ पर छक्का जड़ दिया।
इस ऑफ स्पिनर ने कहा कि इसलिए मैंने खुद से कहा कि शायद मैं काफी अच्छा नहीं हूं या यह व्यक्ति काफी अच्छा है, जो वह था। लेकिन उनसे महान सचिन तेंदुलकर के खिलाफ नेट पर गेंदबाजी करते हुए भी मैं कभी इतना नहीं जूझा।
उन्होंने कहा कि इसके बाद मैं खुद को रोक नहीं पाया, मैं उनके (सहवाग) पास गया और पूछा कि मुझे सुधार के लिए क्या करना चाहिए? वीरू ने कहा कि मैं ऑफ स्पिनर को गेंदबाज नहीं मानता। वे मुझे बिलकुल भी परेशान नहीं करते।
मैंने कहा ठीक है। अगले दिन नेट पर मैंने कुछ आजमाया और उन्होंने शॉट खेलने शुरू कर दिए। वे मेरे साथ ऐसा बर्ताव कर रहे थे, जैसा मैं 10 साल के बच्चे के साथ करता, अगर मैं उसके खिलाफ बल्लेबाजी करता तो। (भाषा)