उन्होंने कहा, ‘किस्से कहना पत्रकारों, प्रसारकों, डाक्यूमेंट्री बनाने वालों और कमेंटेटरों की खूबी है। इस महान खेल से जुड़े अच्छे किस्से सुनाओ।’ आर्थटन ने कहा कि एक पत्रकार के तौर पर वह हमेशा टीमों और खिलाड़ियों की आलोचना नहीं करते।
‘द टाइम्स’ के मुख्य क्रिकेट संवाददाता आर्थटन ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मेरा काम आलोचना करना है। हमारा काम ईमानदारी से सच बोलना है। खिलाड़ियों के प्रति सहानुभूति जरूरी है क्योंकि यह नहीं भूलना चाहिए कि खेल कितना कठिन है।’ (भाषा)