नई दिल्ली। वर्तमान और पूर्व भारतीय क्रिकेटरों को तत्काल ‘हितों के टकराव’ शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें भविष्य में ऐसा करना पड़ सकता है। बीसीसीआई के उच्च पदस्थ सूत्र ने सोमवार को यह जानकारी दी।
लेकिन बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा कि अभी वर्तमान और पूर्व खिलाड़ियों को इस तरह की घोषणा करने के लिए कहने का कोई विचार नहीं है। लोढ़ा समिति के फैसले का अध्ययन करने के लिए गठित किए गए बीसीसीआई कार्य समूह के एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, अभी तक किसी खिलाड़ी को हितों के टकराव संबंधी शपथ पत्र नहीं भेजा गया है। इसे अभी केवल राज्य संघों के अध्यक्ष और सचिवों को मेल किया गया है। इसके बाद इसे विभिन्न समितियों को भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा, धीरे धीरे हम सभी को इसके तहत लेकर आएंगे लेकिन यह लंबी प्रक्रिया है। अभी किसी खिलाड़ी या पूर्व खिलाड़ी को कोई दस्तावेज नहीं भेजा गया है। खिलाड़ियों को इसके अंतर्गत लाने में अभी कुछ समय लगेगा। उन्होंने हालांकि इसके लिए कोई समय सीमा नहीं बताई।
उन्होंने कहा, मुझे किसी करार पर हस्ताक्षर करने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन अभी इस विषय पर अधिक स्पष्टता की जरूरत है। मैं अभी स्टार का कमेंटेटर हूं बीसीसीआई का नहीं। यह अलग चीजें है। मैं बीसीसीआई का अनुबंधित कमेंटेटर नहीं हूं। मुझे कैब सचिव होने के कारण अधिसूचना मिली है।