भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में वरिष्ठ उपाध्यक्ष सीके खन्ना बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष बन सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई और राज्य संघों के सदस्यों के आधिकारिक पद संभालने के लिए अयोग्यता के मुद्दे पर निर्णय देते हुए शुक्रवार को स्पष्ट किया कि यदि किसी व्यक्ति ने बीसीसीआई में नौ साल तक पद संभाला है तो वह फिर बीसीसीआई में किसी पद को संभालने के लिए अयोग्य है लेकिन वह किसी राज्य संघ में पद संभाल सकता है।
इन परिस्थितियों में अब यह कहा जा रहा है कि बीसीसीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सीके खन्ना बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष बन सकते हैं क्योंकि उनके बीसीसीआई में अभी साढ़े छह साल ही पूरे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को लोढा समिति की सिफारिशों को लागू न करने को लेकर बर्खास्त कर दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को बर्खास्त किए जाने के अपने फैसले में यह साफ कहा था कि बोर्ड के सबसे वरिष्ठ उपाध्यक्ष अध्यक्ष पद के कर्तव्यों का निर्वाह कर सकते हैं। इसके परिप्रेक्ष्य में सीके खन्ना को कार्यवाहक अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिल सकती है। हालांकि उच्चतम न्यायालय के शुक्रवार के फैसले के बाद खन्ना को बधाईयों का सिलसिला शुरु हो गया है।