बीसीसीआई बना रहा है महिला टीम के लिए भारत 'ए' दौरों की योजना
सोमवार, 28 अगस्त 2017 (19:18 IST)
नई दिल्ली। सीनियर महिला क्रिकेट टीम के लिए मजबूत बैंच स्ट्रैंथ तैयार करने की कवायद के तहत बीसीसीआई निकट भविष्य में भारत 'ए' के अधिक दौरे शुरू करने की योजना बना रहा है। 'ए' दौरों के अलावा अंडर 16 घरेलू क्षेत्रीय टूर्नामेंट को अखिल भारतीय स्तर पर विस्तार देने की भी योजना है। फिलहाल अखिल भारतीय जूनियर टूर्नामेंट केवल अंडर 19 और अंडर 23 वर्ग में होते हैं।
प्रशासकों की समिति (सीओए) की सदस्य डायना इडुल्जी महिला समिति का हिस्सा हैं जो बुधवार को बैठक करके देश में महिला क्रिकेट की आगे की राह पर फैसला करेंगी। समिति के अन्य सदस्य भारत की मौजूदा एकदिवसीय कप्तान मिताली राज और सीनियर तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी हैं, जबकि बीसीसीआई के महाप्रबंधक (खेल विकास) रत्नाकर शेट्टी इसके समन्वयक होंगे।
बीसीसीआई अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने पर शर्त पर बताया, हम घरेलू ढांचे की समीक्षा के अलावा महिला टीम के भारत 'ए' दौरों की योजना बना रहे हैं। महिला टीम की मजबूत बैंच स्ट्रैंथ तैयार करने के लिए इसकी जरूरत है। मिताली ने स्वयं महसूस किया है कि हमारे घरेलू क्रिकेट और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी अंतर है। राष्ट्रीय टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय मैचों की कमी पर भी बैठक के दौरान चर्चा होने की उम्मीद है।
अधिकारी ने कहा, टीम को इस साल कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलना है। इसलिए हम सभी पूर्ण सदस्यों को सीमित ओवरों की द्विपक्षीय श्रृंखला और यहां तक कि त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए भी लिख चुके हैं। फिलहाल हमें इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया से सकारात्मक जवाब मिला है।
उन्होंने कहा, भारत का अगला टूर्नामेंट संभवत: अगले साल आईसीसी वनडे चैंपियनशिप है और इसके कारण हम इच्छुक हैं कि टीम द्विपक्षीय श्रृंखला के साथ त्रिकोणीय श्रृंखला खेले। अधिक घरेलू प्रतियोगिताओं और ए दौरों से महिला आईपीएल के लिए पर्याप्त पूल तैयार करने में भी काफी मदद मिलेगी। पूर्व भारतीय कप्तान शांता रंगास्वामी ने कहा कि महिलाओं के लिए भारत ए दौरों की लंबे समय से दरकार है।
उन्होंने कहा, मुझे याद है कि हमारी ए टीम 15 साल पहले पाकिस्तान गई थी, लेकिन उसके बाद से किसी दौरे का आयोजन नहीं हुआ। इसलिए अगर यह नियमित होता है तो आदर्श स्थिति होगी। इससे हमारी उभरती हुई लड़कियों को जरूरी अनुभव मिलेगा। रंगास्वामी ने साथ ही कहा कि महिला आईपीएल से देश में खेल को मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, पुरुष आईपीएल जब 2008 में शुरू हुआ था तो सभी को आशंकाएं थीं। देखिए 10 साल में लीग कहां पहुंच गई। महिला आईपीएल की भी यही कहानी होगी। अगर ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश हो सकती है तो भारत में आईपीएल क्यों नहीं? (भाषा)