उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति ने मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष स्थिति रिपोर्ट पेश करके बीसीसीआई द्वारा उसकी सिफारिशों की अनदेखी किए जाने की शिकायत की।
समिति ने अदालत के आदेश को न मानने के लिए बोर्ड अध्यक्ष अनुराग ठाकुर एवं सचिव अजय शिर्के सहित सभी शीर्ष पदाधिकारियों को पद से हटाने का अनुरोध भी किया है। लोढा समिति ने कहा कि बीसीसीआई और उसके अधिकारी निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं और बार-बार बयान जारी कर अदालत के और समिति के अधिकार को कमतर आंक रहे हैं, जिसने बीसीसीआई में ढांचागत सुधारों की सिफारिश की थी।
समिति ने दलील दी कि बोर्ड अपने कामकाज में सुधार के लिए न तो उसकी सिफारिशें मान रहा है, न ही शीर्ष अदालत के आदेश का सम्मान कर रहा है। समिति के वकील ने कहा कि बीसीसीआई ई-मेल और अन्य संवादों का जवाब नहीं दे रहा है तथा लगातार अदालत के आदेश का निरादर कर रहा है।
इस पर न्यायमूर्ति ठाकुर ने प्रस्तुतियों का संज्ञान लेते हुए कहा कि ये गंभीर आरोप हैं और बीसीसीआई को अदालत के निर्देशों का पालन करना होगा। पीठ ने कहा कि अगर बीसीसीआई खुद को कानून से ऊपर मानता है तो यह उसकी गलतफहमी है। पीठ ने कहा, आप (बीसीसीआई) भगवान की तरह व्यवहार कर रहे हैं। आदेश का पालन करो, वर्ना हम तुम्हें आदेश का पालन करवाएंगे। (वार्ता)