भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ रविवार को पांच मैच की श्रृंखला के पहले टेस्ट में मिली हार के लिए शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों की विफलता पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उनमें निचले क्रम के बल्लेबाजों द्वारा दिये गये जुझारूपन और जज्बे की कमी थी।
भारतीय टीम को 231 रन का लक्ष्य मिला जिसके जवाब में टीम 202 रन पर आउट हो गयी और इंग्लैंड ने 28 रन की जीत से पांच मैच की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त बनायी। हालांकि भारत ने पहली पारी में 190 रन की बड़ी बढ़त हासिल की थी।
रोहित ने मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में कहा, यह बताना मुश्किल है कि गलती कहां हुई। 190 रन की बढ़त से हमने दबदबा बनाया था लेकिन ओली पोप (196 रन) ने क्या शानदार बल्लेबाजी की जो शायद किसी विदेशी खिलाड़ी की भारतीय हालात में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी में से एक थी।
उन्होंने कहा, मुझे लगा कि 230 रन का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हमें लगा कि हमने सही लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी की। लेकिन आपको कहना ही होगा कि बहुत बढ़िया खेले ओली पोप।
रोहित ने कहा, एक या दो चीजों को देखना मुश्किल है। हम लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर सके। 20-30 रन से कुछ भी संभव है। निचले क्रम ने अच्छा संघर्ष दिखाया और शीर्ष क्रम को दिखाया कि कैसे बल्लेबाजी की जाये। हमने कुछ मौकों का फायदा नहीं उठाया, लेकिन ऐसा हो सकता है। यह श्रृंखला का पहला मैच है। उन्होंने कहा, निचले क्रम ने वास्तव में अच्छा जज्बा दिखाया। आपको साहसिक होना चाहिए जो मुझे लगता है कि हम नहीं थे।
बेन स्टोक्स ने पांच मैचों की श्रृंखला के पहले टेस्ट में रविवार को यहां भारत पर 28 रन की जीत को इंग्लैंड के कप्तान के रूप में अपनी सबसे बड़ी सफलता करार दी।ओली पोप के शानदार 196 रन और पदार्पण कर रहे बाएं हाथ के स्पिनर टॉम हार्टले के सात विकेट की बदौलत इंग्लैंड ने पहली पारी में 190 रन के बड़े अंतर से पिछड़ने के बाद भी मैच में वापसी की।
स्टोक्स ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, जब से मैंने कप्तानी संभाली है, एक टीम के रूप में हमने कई शानदार पल बिताए हैं। हमने कई शानदार जीत हासिल की हैं।उन्होंने कहा, हमने कुछ अद्भुत मैच खेले है लेकिन मुझे लगता है कि यह जीत निश्चित रूप से मेरे कप्तान होने के बाद से हमारी सबसे बड़ी जीत है।
वामहस्त गेंदबाज हार्टले के खिलाफ पहली पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने आक्रामक रूख अपनाया लेकिन इससे भी स्टोक्स का इस गेंदबाज पर भरोसा कम नहीं हुआ और उन्होंने दूसरी पारी में शानदार वापसी की।
स्टोक्स ने कहा, (पहली पारी में) चाहे कुछ भी हुआ हो, मैं उसे लंबे स्पैल देने को तैयार था क्योंकि मुझे पता था कि इस टेस्ट मैच के दौरान किसी समय मुझे उसकी मदद लेनी होगी।
उन्होंने कहा, मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं कि उसने सात विकेट लिए और हमें इस पारी में मैच जिताया। लेकिन इसके पीछे सोच यह है कि हम जिन लोगों को चुनते हैं उन्हें पूरा समर्थन देते है। (भाषा)