INDvsENG इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम ने कहा कि भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट में मिली करारी हार निश्चित रूप से आहत करने वाली है लेकिन वह पांच मैचों की श्रृंखला के बाकी बचे मैचों में आक्रामक शैली में बल्लेबाजी करने के अपने बैजबॉल रवैए पर कायम रहेंगे।इंग्लैंड की बैजबॉल रवैया उस पर तब भारी पड़ा जब भारत ने तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में उसे 434 रन से करारी शिकस्त दी। यह 1934 के बाद रनों के लिहाज से इंग्लैंड की सबसे बड़ी हार है।
लेकिन मैकुलम ने कहा कि आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने की रणनीति पर कायम रहने पर उन्हें किसी तरह का खेद नहीं है।
उन्होंने बीबीसी स्पोर्ट से कहा,हम पासा पलटेंगे और भारत को फिर से दबाव में लाने की कोशिश करेंगे।मैकुलम ने कहा,लोग अपनी राय रखने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन हम अपनी रणनीति पर कायम रहेंगे। हमें कुछ अवसरों पर असफलताओं से भी रूबरू होना पड़ेगा।
भावनाओं को पीछे छोड़कर श्रृंखला 3-2 से जीतने का लक्ष्य बनायेगी टीम : बेन स्टोक्स
कप्तान बेन स्टोक्स ने रविवार को कहा कि इंग्लैंड की टीम रविवार को भारत से मिली 434 रन की हार के बाद भावनाओं को पीछे छोड़कर बचे हुए दो मैच जीतकर श्रृंखला 3-2 से अपने नाम करने का लक्ष्य बनायेगी।इंग्लैंड ने हैदराबाद में पहले टेस्ट में 28 रन से जीत हासिल की थी लेकिन विशाखापत्तनम में उसे भारत से 106 रन से हार मिली थी।
स्टोक्स ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, मैंने यहां आने से पहले बात की और कहा कि ऐसे हफ्ते मुश्किल होते हैं। इंग्लैंड के लिए मैच हारना ऐसा नहीं है कि आप वहां होना चाहते हो लेकिन व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि जीत या हार दिमाग में होती है। उन्होंने कहा, मैंने सुनिश्चित किया कि हर तरह की भावनायें, सभी तरह की निराशा अब सिर्फ ड्रेसिंग रूम में ही रहेगी और सुनिश्चित करो कि यह यहीं तक सीमित रहे। हमारे दो और मैच बचे हैं और कप्तान के तौर पर मैं बस यही सोच रहा हूं कि इस श्रृंखला को 3-2 से जीतें।
स्टोक्स ने कहा कि लगातार दो बुरी हार के बाद भी इंग्लैंड की टेस्ट क्रिकेट के प्रति योजना में कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।उन्होंने कहा, बिलकुल भी नहीं। हमारा बल्लेबाजी लाइन अप अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों से भरा है। हम उन्हें परिस्थितियों के अनुसार खेलने की आजादी देते हैं। आप अंतर देख सकते हो। स्टोक्स ने कहा, पिछले दो मैच में भारत ने काफी रन जुटाये, वे इसी तरह से खेलना चाहते हैं। हम भी कभी कभार ऐसा कर पाये, लेकिन ज्यादा लंबे समय तक बरकरार नहीं रख सके जबकि हम ऐसा करना चाहते थे। (भाषा)