एलिस्टर कुक के संन्यास के बाद इंग्लैंड रोरी बर्न्स को लगातार मौका दे रही है लेकिन बर्न्स इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। साल 2018 में अपना टेस्ट पदार्पण करने वाले रोरी बर्न्स का नाम कोरोना काल के बाद से शुरु हुए क्रिकेट में ज्यादा सुनाई दिया। इंग्लैंड ने उन्हें वेस्टइंडीज और पाकिस्तान से हुए मैच में मौके दिए।
आखिरी 7 पारियों में उनके स्कोर क्रमश 4,10, 0,6, 33,0,0,25 रहे हैं। साफ तौर पर देखा जा सकता है कि बर्न्स से इंग्लैंड मजबूती चाहता है लेकिन वह अब टीम पर बोझ बन गए हैं।
इंग्लैंड के घरेलू मैदान पर उनका विफल होना टीम को उतना नहीं अखरा जितना अब अखर रहा है। क्योंकि तब इंग्लैंड के बाकि खिलाड़ियो ने अच्छा प्रदर्शन कर पाक और इंडीज से सीरीज जीत ली थी , इस कारण उनकी विफलता छुप गई। लेकिन उपमहाद्वीप में आकर यह असफलता टीम मैनेजमेंट को खटकने लगी।