नई दिल्ली। पाकिस्तान के मशहूर क्रिकेट प्रशंसक ‘चाचा शिकागो’ को महेंद्रसिंह धोनी के प्रति अपने लगाव के लिए भी जाना जाता है और अब पाकिस्तान के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आने के कारण कराची में जन्मे मोहम्मद बाशिर ने इस सप्ताह आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी में होने वाले बहुप्रतीक्षित मुकाबले से पहले अपनी निष्ठा ‘मजबूत’ भारतीय टीम से जोड़ दी है। शिकागो में बसे बाशिर ने कहा कि अब कोई मुकाबला नहीं रहा भारत-पाकिस्तान का। भारत बहुत आगे निकल गया है।
उन्होंने कहा कि ने विश्व कप 2011 में मोहाली में पहली बार भारत और पाकिस्तान के बीच मैच देखा और उसके बाद इन दोनों टीमों के बीच कोई भी मैच नहीं छोड़ा। मैं इस बार भी बर्मिंघम जाना पसंद करता लेकिन यह मैच रमजान के महीने में हो रहा है और मैंने पहले ही अपने परिवार के साथ मक्का जाने की योजना बना रखी है। मैं एक महीने के लिए वहां रहूंगा।
इस 64 वर्षीय क्रिकेटप्रेमी ने कहा कि सुधीर ने कल ही मुझे फोन किया था कि मैं आ रहा हूं या नहीं। दु:ख है कि इस बार मैं वहां नहीं रहूंगा कि लेकिन भारत को आसानी से पाकिस्तान को हरा देना चाहिए और इसके बाद वह टूर्नामेंट जीत सकता है। उनका धोनी के प्रति लगाव सभी जानते हैं लेकिन इससे पहले उनकी वफादारी उस देश जहां उनका जन्म हुआ और भारत, जहां की उनकी पत्नी है, के बीच बंटी हुई थी। अब लेकिन अब वे भारत के प्रशंसक बन गए हैं।
धोनी अक्सर उनके लिए मैच टिकट की व्यवस्था करते रहे हैं तथा एक बार उन्होंने बाशिर को क्रिकेट बल्ला भी भेंट किया था। बाशिर का शिकागो में रेस्टोरेंट है। बाशिर अभी सउदी अरब में हैं और वे कोई ऐसा टेलीविजन चैनल ढूंढने में लगे हैं जो क्रिकेट मैच दिखा रहा हो। उन्होंने कहा कि यहां केवल फुटबॉल चलता है। लगता है कि मुझे इसे इंटरनेट पर देखना होगा। मैं यहां तक कि भारत का न्यूजीलैंड के खिलाफ अभ्यास मैच भी देखना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
भारत और पाकिस्तान की वर्तमान टीमों की लाइनअप के बारे में पूछे जाने पर बाशिर ने कहा कि एक साइड पर धोनी, कोहली, युवराज और पाकिस्तान में तो कोई बड़ा खिलाड़ी ही नहीं है। वह भी क्या जमाना था जब जावेद मियांदाद, वसीम अकरम और वकार यूनुस खेला करते थे। अब तो मैं अधिकतर खिलाड़ियों के नाम तक नहीं जानता। भारत को आसानी से मैच जीतना चाहिए। (भाषा)