भारत में ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा एंबेसेडर गिलक्रिस्ट ने कहा, पर्थ से विमान से रवाना होने से पहले मैंने टॉस होते हुए देखा। मेरा और ऑस्ट्रेलियाई टीम का स्वाभाविक झुकाव पहले बल्लेबाजी करने और बड़ा स्कोर बनाकर दबाव डालने पर होता।
उन्होंने कहा, हालांकि अगर अधिकांश मैच लक्ष्य का पीछा करते हुए जीते गए, जैसा कि इस टूर्नामेंट में हुआ तो आप पहले गेंदबाजी के फैसले की आलोचना नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए सहज थी और लक्ष्य का पीछा करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया था। आप इस फैसले के लिए उनकी आलोचना नहीं कर सकते। शतक जड़ने वाला (फखर जमां) नोबॉल पर कैच हो गया अन्यथा यह अलग मामला होता। (भाषा)