चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 : सानिया मिर्जा भारत का समर्थन करेंगी या पाकिस्तान का?

शनिवार, 17 जून 2017 (01:20 IST)
सीमान्त सुवीर

लंदन में ओवल के मैदान पर 18 जून को जब भारत और पाकिस्तान के बीच फाइनल मैच खेला  जाएगा, तब भारत की बेटी और पाकिस्तान की बहू टेनिस स्टार सानिया मिर्जा किसका समर्थन  करेंगी? ये सवाल भारत के करोड़ों क्रिकेटप्रेमियों के दिमाग में तैर रहा है...सानिया इस वक्त लंदन में  ही हैं और पाकिस्तान के हर मैच में वे मौजूद रहीं ताकि अपने शौहर शोएब मलिक का हौसला बढ़ा  सकें, लेकिन फाइनल में किस टीम का जोश बढ़ाएंगी और किसके लिए तालियां पीटेंगी??
 
सानिया मिर्जा और शोएब मलिक की शादी 12 अप्रैल 2010 में बेहद विवादास्पद ढंग से हैदराबाद के  पांच सितारा होटल 'ताज कृष्णा में हुई थी। इस शादी का एक अलग किस्सा है। सानिया अपने  बचपन के दोस्त सोहराब मिर्जा से मुहब्बत करती थीं और इन दोनों की सगाई भी हो चुकी थी लेकिन  शोएब मलिक से नजदीकियां बढ़ने के कारण सोहराब ने 2009 में सगाई तोड़ दी। शोएब और सानिया  की पहली मुलाकात मेलबर्न में ऑस्ट्रेलियन ओपन के दौरान हुई थी और यहीं से शोएब भारतीय  टेनिस सनसनी के दीवाने हो गए थे...
जब शोएब मलिक अपने परिवार के 15 सदस्यों के साथ सानिया से निकाह करने के लिए हैदराबाद  पहुंचे तो वहां बखेड़ा खड़ा हो गया क्योंकि आयशा सिद्दिकी नाम की एक युवती मीडिया के सामने आ  गई और उसने दावा किया कि वह शोएब की बीवी है।

उसका कहना था कि शोएब ने मुझसे निकाह  किया और फिर छोड़ दिया...तनावभरे लम्हों में आखिरकार सानिया और शोएब का निकाह 15 अप्रैल  2010 को तय हुआ लेकिन विवादों के कारण तीन दिन पहले यानी 12 अप्रैल को ही निकाह पढ़ा  लिया गया। शोएब ने निकाह में हक मेहर की रकम रखी 61 लाख रुपए। इस शादी में सानिया के परिवार की तरफ से करीब के सिर्फ 35 मेहमान शरीक हुए, जिसमें से एक फिल्म अदाकारा नेहा धूपिया भी थीं। 
 
निकाह के बाद सानिया पाकिस्तान चली गई और वहां उसने टेनिस का अभ्यास जारी रखा। लेकिन पाकिस्तानी कठमुल्लाओं को सानिया का निकर पहनकर खुली टांगों के साथ टेनिस खेलना नागवार गुजरा। इसी बीच  दोनों मुल्कों में ‍नफरत की दीवारें ऊंची होने लगीं तो सानिया और शोएब ने अपना आशियाना  दुबई में बना लिया और तभी से ये दोनों मजे से वहीं पर रहते हैं। दोनों के मैच जहां होते हैं, वे दुबई  से ही उड़ान पकड़ लेते हैं
निकाह के बाद सानिया मिर्जा मलिक से यह सवाल किया गया था कि जब क्रिकेट के मैदान में  भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे, तब आप किस देश का समर्थन करेंगी? सानिया ने फौरन  जवाब दिया 'भारत का'। सानिया बोलीं, मैं भारत की बेटी हूं और जब मेरे देश की बात आएगी तो मैं  अपने वतन का ही समर्थन करूंगी, लेकिन जब मुकाबला भारत से नहीं होगा, तब मैं अपने पति के  देश के समर्थन में खड़ी रहूंगी। 
 
यह बात और है कि सानिया मिर्जा को पाकिस्तान के क्रिकेट मैचों में बहुत कम जगह देखा गया है  और इस खुद्दार बेटी ने आज तक पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज अपने हाथों में लेकर कहीं नहीं लहराया  है...यहां तक कि कार्डिफ में जब चैम्पियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान अपना सेमीफाइनल मुकाबला इंग्लैंड के  साथ खेल रहा था, तब भी दर्शकों में मौजूद सानिया मिर्जा सिर्फ तालियां ही बजाकर अपनी खुशी  व्यक्त कर रही थीं...
 
खिलाड़ी का कोई मजहब नहीं होता, अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर वह अपने देश का प्रतिनिधित्व करता  है और उसके हाथों में अपने वतन की निशानी के रूप में राष्ट्रीय ध्वज होता है। 2010 में शोएब से  निकाह करने के बाद सानिया मिर्जा ने अनेकों उपलब्धियां हासिल कीं, कई ग्रैंडस्लैम खिताब जीते  लेकिन विजेता बनते ही उनके हाथ तिरंगा लहराते हुए ही नजर आए...
 
18 जून को ओवल के मैदान में जब भारत चैम्पियंस ट्रॉफी का फाइनल खेलने पाकिस्तान के खिलाफ  मैदान में उतरेगा, तब कैमरा सानिया मिर्जा को भी फोकस करेगा और वे वादे के मुताबिक भारत का  ही समर्थन करेंगी। वे भारत की बेटी हैं और इस लिहाज से विराट कोहली उनके भाई हुए..लिहाजा वे  अपने देश और अपने भाई के समर्थन में ही खड़ी रहेंगी, न कि पाकिस्तानी शोहर शोएब मलिक का  हौसला बढ़ाने के लिए... 

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