चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 : क्रिकेट की हार पर 'हॉकी की जीत' का मरहम...
सीमान्त सुवीर
लंदन के ओवल मैदान पर रविवार 18 जून को चैम्पियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के हाथों 180 रनों की करारी हार से पहले ही लंदन की ही जमीं पर भारत ने पाकिस्तान को एफआईएच वर्ल्ड लीग हॉकी सेमीफाइनल के पूल बी मैच में 7-1 से रौंद डाला था। यदि क्रिकेट में भारत की जीत हो जाती तो हॉकी की जीत का उत्साह दोगुना हो जाता।
यही नहीं, विदेशी जमीन पर लगातार तीसरी बार 'तिरंगा' भी लहराया जाता क्योंकि रविवार के दिन ही भारत के बैडमिंटन सितारे किदाम्बी श्रीकांत ने जकार्ता में जापान के काजूमासा सकई को लगातार गेमों में 21-11, 21-19 से हराकर पहली बार इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीता था। हॉकी और बैडमिंटन की बेहतरीन जीत पर क्रिकेट मैदान पर हुई शर्मनाक हार ने पानी फेर दिया।
भारत का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्रिकेट का किस तरह गुलाम बना हुआ है, इसका सबूत भी रविवार को देखने को मिला, जहां हॉकी और बैडमिंटन की ऐतिहासिक उपलब्धि को नजर अंदाज करते हुए क्रिकेट में पाकिस्तान के हाथों हुई पराजय की चीरफाड़ होती रही। हॉकी देश का राष्ट्रीय खेल है और इसमें खिलाड़ी जरूर गरीबी में जन्म लेते हैं, असुविधाओं को सीने पर झेलते हैं और भारत की जर्सी पहनने के बाद उन्हें इतना भर पैसा मिल जाता है ताकि उनका घर चल सके, बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ सकें...
लेकिन आज भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने मैदान पर जो भी कुछ किया, वो हमारे क्रिकेट सितारों के गाल पर एक ऐसा करारा तमाचा है, जिसकी गूंज आने वाले कई सालों तक सुनाई पड़ेगी..और हैरत तो इस बात की है कि भारतीय हॉकी सितारों की इस जीदारी को भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नजर अंदाज कर गया...क्रिकेट और हॉकी के दोनों ही मुकाबले लंदन में थे और दोनों ही खेल में विरोधी टीम पाकिस्तान थी। क्रिकेट में कहीं देशभक्ति का जज्बा देखने को नहीं मिला लेकिन पुरुष हॉकी खिलाड़ियों ने जो कारनामा किया, उसे पूरे देश की तरफ से एक बड़ा-सा सलाम...
देश की पुरुष हॉकी टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में भारतीय सेना पर हो रहे हमलों का विरोध जताया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए काली पट्टी पहनकर मैच खेला और उसे 7-1 से रौंद दिया। इस मैच में जब भारतीय खिलाड़ी मैदान पर उतरे तो उनकी बांहों पर काली पट्टी बंधी हुई थी जबकि टीम के सपोर्ट स्टाफ ने भी यह काली पट्टी पहनी थी। अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करने का यही सबसे अच्छा तरीका था।
भारतीय हॉकी कप्तान मनप्रीत का वह बयान भी दिल को छू गया जिसमें उन्होंने कहा कि हम इस मैच को जीतकर दिखाना चाहते थे कि न सिर्फ हमें अपने देश पर गर्व है, बल्कि पूरी दुनिया को कहना चाहते थे कि हम हमेशा पाकिस्तान खिलाफ खड़े रहेंगे। भारतीय क्रिकेटरों को पैसों की चमक ने इस कदर अंधा कर दिया है कि उनमें इतनी हिम्मत ही नहीं है कि वे क्रिकेट के किसी बड़े मंच पर पाकिस्तान के खिलाफ काली पट्टी बांधकर मैदान में उतर सकें।
चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान के गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने विराट कोहली को जब शादाब के हाथों 5 रनों पर आउट किया। जब आउट होकर क्रीज से कोहली वापस पैवेलियन जा रहे थे, तब आमिर ने अपशब्द बोले, जिसे कोहली ने नजरअंदाज कर दिया। यह तमाशा पूरी क्रिकेट बिरादरी ने देखा, लेकिन आमिर की हरकत पर सबने मुंह पर ताले जड़ लिए हैं।
इस मैच में विराट ने टॉस जीतकर पाकिस्तान को बल्लेबाजी का न्योता दिया। भारत की लचर गेंदबाजी का पाक बल्लेबाजों ने जमकर फायदा उठाया और 338 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया। फखर जमान ने शानदार शतक (114) जड़ा। भारत का टॉप ऑर्डर मैदान में टिकने की हिम्मत ही नहीं जुटा सका और पूरी टीम 158 रन पर ढेर हो गई वो भी केवल 30.3 ओवर में।
शीर्ष के पांच बल्लेबाज रोहित शर्मा 0, विराट कोहली 5, शिखर धवन 21, युवराज सिंह 22 और महेंद्र सिंह धोनी 4 रन ही बना सके। भारत की करारी हार के यही पांच मुलजिम हैं। जिन खिलाड़ियों के नामों के आगे वन क्रिकेट में हजारों रन लिखे हैं, वे पाकिस्तानी गेंदबाजों के आगे बेहद बेबस दिखाई दिए। 14 ओवर के भीतर ही जिस पाटा विकेट पर भारत 54 के कुल जमा स्कोर पर 5 कीमती बल्लेबाजों को गंवा चुका हो, ऐसे में कैसे सोच सकते हैं कि शेष पांच बल्लेबाज लक्ष्य को तय करेंगे?
हार्दिक पांड्या ने जरूर 4 चौकों और 6 छक्कों की मदद से 76 रनों की आतिशी पारी खेली लेकिन रवींद्र जडेजा की बेवकूफाना हरकत से वे रन आउट हो गए। मोहम्मद आमिर ने 6 ओवर में 16 रन देकर तीन और हसन अली ने 6.3 ओवर में 19 रन देकर तीन विकेट लिए। हार और जीत खेल का एक हिस्सा है लेकिन मैदान पर भारतीय सितारों ने हार का गम नहीं मनाया..विराट और युवराज पुरस्कार वितरण समारोह में शोएब मलिक और अन्य पाकिस्तानी खिलाड़ियों से ठिठौली करते रहे।
असल में इन क्रिकेटरों की चमड़ी इतनी मोटी हो गई है कि उस पर किसी का असर नहीं होता। टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने इस मैच को शुरू से ही गंभीरता से नहीं लिया और मैदान पर विराट समेत अन्य क्रिकेटरों की बॉडी लैग्वेज यही दर्शा रही थी कि वे चैम्पियन बनने के लिए गंभीर ही नहीं है। और जब पाकिस्तान ने 338 रनों का टारगेट दिया तो यहीं पर विराट ने हार कबूल कर ली..जिस टीम के क्वालिफाय करने के लाले पड़ रहे थे, वह टीम चैम्पियंस ट्रॉफी को चूमेगी, ऐसा तो किसी ने ख्वाब में भी नहीं सोचा था...