2 साल बाद मिली कप्तानी, क्या चेन्नई को प्लेऑफ में पहुंचा पाएंगे माही?

WD Sports Desk

गुरुवार, 10 अप्रैल 2025 (22:27 IST)
ऋतुराज गायकवाड़ की चोट के कारण एक बार फिर महेंद्र सिंह धोनी को चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी सौंपी गई है।धोनी एक महत्वपूर्ण चरण में कप्तान के रूप में वापसी कर रहे हैं, क्योंकि मौजूदा आईपीएल के सत्र में सीएसके अपने पांच में से चार मैच हार चुकी हैं और प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने की अपनी संभावनाओं को बनाए रखने के लिए उन्हें आने वाले मैचों में सुधार की जरूरत है। धोनी कल घरेलू मैच में गत चैंपियन केकेआर के खिलाफ टीम की अगुआई करेंगे।

इससे पहले साल 2022 में महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी छोड़कर रविंद्र जडेजा को कप्तान बनाा था लेकिन उनकी अगुवाई में चेन्नई ने आठ में से छह मैच गंवाये। इस बीच देश के सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर की बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। महेंद्र सिंह धोनी ने एक बार फिर कप्तानी हासिल की थी।

इस सत्र में फिर महेंद्र सिंह धोनी को कप्तानी सौंपी गई है क्योंकि कप्तान ही चोटिल होकर बाहर हो गया है। मुंबई के खिलाफ पहला मैच जीतने के बाद चेन्नई को जीत नसीब नहीं हुई है। 5 मैचों में से 4 मैच हार जाने वाली चेन्नई को अब बचे 9 मैचों में से 6 मैच जीतने पड़ेंगें अगर प्लेऑफ की उम्मीदें जिंदा रखनी है तो।

इन दो चीजों पर आधारित थी धोनी की कप्तानी

धोनी की कप्तानी दो चीजों पर आधारित रही - व्यावहारिक ज्ञान और स्वाभाविक प्रवृति। व्यावारिक समझ यह कि कभी भी टी20 क्रिकेट के मैचों को पेचीदा नहीं बनाना। स्वाभाविक प्रवृति में इस बात की स्पष्टता कि कौन खिलाड़ी कुछ विशेष भूमिका निभा सकता है और वह उनसे क्या कराना चाहते हैं।

धोनी ने कभी भी आंकड़ों, लंबी टीम बैठकों और अन्य लुभावनी रणनीतियों पर भरोसा नहीं किया। इसलिये उन्होंने आजमाये हुए भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों पर विश्वास दिखाया और खुद ही कुछ घरेलू खिलाड़ियों को तैयार भी किया।

इनमें ड्वेन ब्रावो, फाफ डु प्लेसी हो या फिर जोश हेजलवुड या फिर सुरेश रैना, अंबाती रायुडू, रविंद्र जडेजा और रूतुराज गायकवाड़ शामिल हो। उन्हें विभिन्न भूमिकाओं के आधार पर चुना गया जिसमें वे साल दर साल प्रदर्शन करते रहें।

धोनी अगर लीग में कप्तानी के लिये तैयार रहते तो भी सीएसके प्रबंधन (विशेषकर एन श्रीनिवासन) को कोई दिक्कत नहीं होती जो उनकी बल्लेबाजी फॉर्म को लेकर भी चिंतित नहीं है जो पिछले छह वर्षों में फीकी हो रही है।

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