एक ओर क्रिकेट पंडित ये बोलने में लगे हैं कि न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम का पलड़ा इस मैच में भारी रहने वाला है, क्योंकि वह इंग्लैंड के साथ दो टेस्ट मैच की सीरीज खेल रही है। लेकिन भारत ने पिछले कुछ सालों में विदेश में जिस तरह का खेल दिखाया है, उसे देखकर ये बोला जा सकता है कि मुकाबला कांटे की टक्कर का देखने को मिलेगा।
हम आपको भारत के उस एकमात्र खिलाड़ी के बारे में बताएंगे, जिसने साउथैम्पटन के रोज बॉल मैदान पर शतक जड़ा है और वह कोई और नहीं टेस्ट स्पेसलिस्ट चेतेश्वर पुजारा। इस बात में कोई शक नहीं है कि टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में पुजारा का योगदान अहम होने वाला है, क्योंकि वह टीम इंडिया की एक ऐसी दीवार हैं, जो अगर एक बार विकेट के आगे सेट हो गए, तो उसे हिलाना कीवी गेंदबाजों के लिए मुश्किल हो जाएगा।
पुजारा ने पिछले कुछ वक्त से शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पा रहे हैं, मगर उनकी भूमिका पर संदेह करना जायज नहीं होगा। पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया में 33.88 के औसत से 271 रन बनाकर आए, इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 22.17 के औसत से 133 रन बनाए। अब फाइनल मुकाबले में एक बाऱ फिर भारतीय टीम को दरकार होगी कि पुजारा विकेट संभालकर एक छोर पर बने रहे और उनके बाद आने वाले बल्लेबाज खुलकर रन बना सकें, जो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर देखने को मिला था।
पुजारा ने अब तक इंग्लैंड की धरती पर 9 मैच खेले हैं और उसमें 500 रन बनाए हैं, जिसमें एक ही शतक आया है और खुशी की बात ये है कि ये शतक साउथम्पटन के मैदान पर आया है।भारत ने जब आखिरी बार इस मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था तो पुजारा ने उस मैच में 132 रनों की नाबाद पारी खेली थी।
पुजारा का आखिरी टेस्ट शतक ऑस्ट्रेलिया के 2018-19 दौरे पर आया था जब उन्होंने 193 रनों की पारी खेली थी। इसके बाद से उन्होंने टिक कर बल्लेबाजी तो की लेकिन शतक नहीं बना पाए। फैंस जरुर यही उम्मीद लगाए बैठे होंगे कि टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पुजारा के 2 साल पुराना शतक का सूखा खत्म होगा और टीम इंडिया इतिहास रचने में सफल होगी।