Chinnaswamy Stadium Bengaluru : कर्नाटक सरकार द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति जॉन माइकल डीकुन्हा (John Michael D'Cunha) आयोग ने चिन्नास्वामी स्टेडियम को जनसमूह के लिए अनुपयुक्त और असुरक्षित करार दिया है जिससे इस साल के अंत में होने वाले महिला विश्व कप मैचों सहित कुछ बड़े मुकाबलों पर संदेह के बादल छा गए हैं।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के पहले IPL खिताब के जश्न में शामिल होने के लिए स्टेडियम के पास उमड़ी भीड़ में भगदड़ मचने से 11 प्रशंसकों की मौत और कई अन्य घायल होने के बाद राज्य सरकार ने एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था।
आयोग की रिपोर्ट को हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया गया था।
पीटीआई को मिली इस रिपोर्ट के मुताबिक आयोग ने कहा, स्टेडियम का डिजाइन और संरचना बड़ी संख्या में दर्शकों के लिए अनुपयुक्त और असुरक्षित है।
NO IPL GAMES AT CHINNASWAMY IN 2026
M. Chinnaswamy Stadium has been declared unfit for hosting big events or high-octane cricket matches in the aftermath of the deadly stampede that took place outside the venue back on June 4. pic.twitter.com/UK5spV6Yr6
इस साल के अंत में आईसीसी महिला विश्व कप (ICC Women's World Cup) का शुरुआती और फाइनल चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाला है। यह टिप्पणी तथा राज्य सरकार द्वारा इसे स्वीकार करने से उन मैचों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने अगले महीने होने वाले इस साल के महाराजा ट्रॉफी टी20 टूर्नामेंट को पहले ही दर्शकों के बिना आयोजित करने का फैसला किया है।
आयोग ने टिप्पणी की कि अधिकारियों को बड़ी खेल प्रतियोगिताओं को ऐसे स्थानों पर स्थानांतरित करने पर विचार करना चाहिए जहां बड़ी भीड़ को समायोजित करने की क्षमता हो।
आयोग ने कहा, आयोग यह सिफारिश करता है कि स्टेडियम अधिकारी उन आयोजनों को स्थानांतरित करने पर विचार करें जिनसे बड़ी भीड़ खींचने की उम्मीद है। इस तरह के आयोजन ऐसे स्थानों पर जो दर्शकों की बड़ी संख्या के लिए बेहतर अनुकूल हैं।
आयोग ने भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचने के लिए कुछ सुझाव भी दिये है। इसमें प्रवेश और निकास द्वार में सुधार करना और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानदंडों के अनुरूप आपातकालीन निकासी योजनाएं तैयार करना शामिल है।
आयोग ने फिर माना कि इन सुधार के उपायों को पूरा किए बिना बड़े आयोजनों से और अधिक नुकसान हो सकता है।
इसमें कहा गया है कि जब तब ढांचागत बदलाव नहीं किये जाते तब तक यहां बड़े आयोजन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।
आयोग ने केएससीए के अध्यक्ष रघुराम भट्ट, अब-त्यागपत्र दे चुके सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ईएस जयराम, आरसीबी के उपाध्यक्ष राजेश मेनन, डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के एमडी टी वेंकट वर्धन और वीपी सुनील माथुर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का भी सुझाव दिया।
इस बीच डीएनए ने आयोग के गठन और उसके निष्कर्षों के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। (भाषा)